मनमाने तरीके से निरस्त नहीं कर सकते अंतर्जनपदीय स्थानांतरण : हाईकोर्ट


🛑 *मनमाने तरीके से निरस्त नहीं कर सकते अंतर्जनपदीय स्थानांतरण : हाईकोर्ट*

*बेसिक शिक्षा विभाग में सहायक अध्यापकों के अंतर्जनपदीय स्थानांतरण के मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा कि बेसिक शिक्षा परिषद शासन के अधीन एक अधीनस्थ निकाय होने के कारण शैक्षणिक वर्ष 2023-24 के अंतर्जनपदीय स्थानांतरण हेतु शासन द्वारा प्रतिपादित नीति से अक्षरक्ष: बाध्य है। सहायक अध्यापकों के अंतर्जनपदीय स्थानांतरण हेतु आवेदन पत्रों पर विचार करते समय बेसिक शिक्षा परिषद* *मनमाने तरीके से आवेदन अथवा स्थानांतरण निरस्त नहीं कर सकता। यह महत्वपूर्ण टिप्पणी हाईकोर्ट द्वारा उन्नाव में तैनात सहायक अध्यापिका लक्ष्मी शुक्ला की याचिका पर अधिवक्ता रजत ऐरन एवं ऋषि श्रीवास्तव को सुनकर करी।* 

 *याची के अधिवक्तागण द्वारा जस्टिस अब्दुल मोइन की एकल पीठ के समक्ष बहस की गई कि अपने पति के असाध्य बीमारी से पीड़ित होने के कारण याची द्वारा 02.06.2023 के शासनादेश के तहत सीतापुर से उन्नाव अंतर्जनपदीय स्थानांतरण हेतु आवेदन किया था जिसको स्वीकार करते हुए याची को* *उन्नाव में ज्वाइन भी करवा दिया गया था। बीएसए उन्नाव एवं सचिव, बेसिक शिक्षा परिषद द्वारा लगभग तीन सप्ताह कार्या लेने के पश्चात याची का स्थानांतरण इस आधार पर निरस्त कर दिया कि याची के पति के पीजीआई लखनऊ द्वारा जारी चिकित्सा प्रमाण पत्र पर सीएमओ सीतापुर की मोहर नहीं लगी है।* 


 *अधिवक्ता ऋषि श्रीवास्तव एवं रजत ऐरन ने दलील दी कि केवल 29.06.2023 के शासनादेश में निहित आधारों पर ही याची का स्थानांतरण निरस्त किया जा सकता है एवं याची पर फर्जी अथवा कूटरचित मेडिकल दस्तावेज जमा करने का कोई आरोप नहीं है।* 

 *लगभग चार माह से सेवा न कर पा रही सहायक अध्यापिका को राहत देते हुए हाईकोर्ट द्वारा बीएसए उन्नाव एवं सचिव बेसिक शिक्षा परिषद का आदेश रद्द करते हुए गत 4 माह का संपूर्ण* *वेतन भी प्रदान करने का आदेश किया।*