ऑनलाइन हाजिरी नहीं लगाएंगे शिक्षक, विरोध तेज👉 शिक्षकों से केवल शिक्षण काम ही लिया जाए


बहराइच। परिषदीय विद्यालयों में शिक्षकों की ऑनलाइन हाजिरी दर्ज कराने के साथ ही सभी रिकार्ड ऑनलाइन करने पर शिक्षकों का विरोध तेज हो गया है। मंगलवार को शिक्षकों ने ऑनलाइन हाजिरी नहीं लगाई। इसको लेकर शिक्षक नेताओं ने विद्यालयों में पहुंचकर शिक्षकों से एक दिसंबर को धरना प्रदर्शन करने के लिए सहमति पत्र भरवाया। शिक्षकों के इस विरोध का अनुदेशकों व शिक्षामित्रों ने भी समर्थन किया है।
बेसिक शिक्षा विभाग के अंतर्गत जिले में 2803 परिषदीय विद्यालय हैं। इन विद्यालयों में लगभग 8000 शिक्षक, 2362 शिक्षामित्र व 483 अनुदेशक अध्यापन का कार्य कर रहे हैं। नई व्यवस्था के अनुसार शिक्षा विभाग की ओर से स्कूल पहुंचकर शिक्षकों से ऑनलाइन हाजिरी लगाने के लिए कहा गया है। जिसका शिक्षकों से विरोध तेज कर दिया है। मंगलवार को किसी भी शिक्षक ने ऑनलाइन हाजिरी नहीं लगाई। इसके लिए शिक्षक नेताओं की ओर से मंगलवार को प्राथमिक, जूनियर, क्लर्क, शिक्षामित्र, अनुदेशक सभी से एक दिसंबर को होने वाले धरना प्रदर्शन में शामिल होने के लिए सभी से सहमति पत्र प्राप्त किया गया।

निजी मोबाइल से कार्य नहीं करेंगे शिक्षक : जूनियर हाईस्कूल शिक्षक संघ के जिलाध्यक्ष विद्याविलास पाठक ने कहा कि ऑनलाइन हाजिरी सहित अन्य कार्य करने के लिए विभाग की ओर से शिक्षकों को संसाधन उपलब्ध नहीं कराया गया है। सिम, डाटा व मोबाइल निजी है। इससे वे कोई कार्य नहीं करेंगे। शिक्षिकाओं व बालिकाओं के फोटोग्राफ का दुरुपयोग हो सकता है।

उन्होंने कहा कि विद्यालयों में नेटवर्क नहीं रहता है। जिससे शिक्षकों को बड़ी परेशानी हो रही है। संसाधन उपलब्ध कराने पर ऑनलाइन हाजिरी के बारे में विचार किया जाएगा। शिक्षकों को केंद्रीय कर्मचारियों के बराबर सुविधा दी जाए। पदोन्नति, कैशलेस मेडिकल सुविधा, कर्मचारियों के बराबर सीएल दिया जाए। पुरानी पेंशन को तत्काल बहाल किया जाए।


शिक्षकों से केवल शिक्षण काम ही लिया जाए

छात्रों के भविष्य को देखते हुए शिक्षकों से शिक्षण कार्य के अलावा कोई अन्य कार्य न लिया जाए। जिलाध्यक्ष ने सभी शिक्षकों से अपील किया है कि वे छात्र हित में शिक्षण कार्य करें, अन्य कार्य न करें। अगर मांगों पर ध्यान न दिया गया, तो एक दिसंबर को ही इसके विरोध में निर्णय लिया जाएगा। जिले से लगभग 700 शिक्षकों का तबादला हो गया, जिसके बदले जिले को सिर्फ 30 शिक्षक मिले हैं। ऐसे में शिक्षकों की कमी भी बड़ी समस्या बनी हुई है।