खराब फोटो, चश्मा और टोपी तोड़ रहे सरकारी नौकरी का सपना


प्रयागराज। टोपी, चश्मा और खराब फोटो युवाओं की सरकारी नौकरी का सपना तोड़ रही हैं। कर्मचारी चयन आयोग के माध्यम से केंद्र सरकार के विभिन्न मंत्रालयों, कार्यालयों एवं विभागों में होने वाली भर्तियों में फर्जीवाड़ा रोकने के लिए आवेदन में सख्त नियम हैं। खासतौर से अभ्यर्थियों की फोटो को लेकर कड़े निर्देश हैं क्योंकि तकनीक का उपयोग बढ़ने के साथ फोटो मिक्सिंग और एडिटिंग की घटनाएं बढ़ी हैं। इस सख्ती का नतीजा है कि हर बड़ी भर्ती में हजारों छात्र सिर्फ मानक के अनुरूप फोटो न होने के कारण बाहर हो जा रहे हैं। एक से 14 सितंबर तक आयोजित एसएससी की मल्टी टास्किंग स्टाफ (एमटीएस) एवं हवलदार परीक्षा 2023 में उत्तर प्रदेश और बिहार से पंजीकृत 799504 अभ्यर्थियों में से लगभग आठ हजार युवा फोटो सही नहीं होने के कारण परीक्षा में शामिल नहीं हो सके थे। इसी प्रकार दो से 17 अगस्त तक आयोजित कंबाइंड हायर सेकेंडरी लेवल (सीएचएसएल) 2023 परीक्षा में दोनों राज्यों में पंजीकृत 8,59,672 अभ्यर्थियों में से तकरीबन नौ हजार के आवेदन संदिग्ध फोटो के कारण निरस्त हो गए थे।

आयोग सूत्रों के अनुसार, एसएससी मध्य क्षेत्र के अधीन यूपी और बिहार में 14 से 27 जुलाई तक आयोजित कंबाइंड ग्रेजुएट लेवल एग्जाम 2023 में पंजीकृत 6, 61, 156 अभ्यर्थियों में से सात हजार के आसपास आवेदन केवल फोटो सही न होने के कारण निरस्त हो गए थे। इन तीन बड़ी भर्तियों के अलावा अन्य भर्तियों में भी हजारों अभ्यर्थी मानक के अनुरूप फोटो न होने पर बाहर हो जाते हैं।


क्या है मानक

■ भर्ती की अधिसूचना की तिथि से तीन महीने से अधिक पुरानी फोटो नहीं होनी चाहिए।

■ अभ्यर्थियों की फोटो बगैर चश्मे या टोपी के होनी चाहिए।

■ चेहरे के सामने का हिस्सा स्पष्ट दिखाई देना चाहिए।

■ धुंधली तस्वीर किसी भी स्थिति में स्वीकार्य नहीं है।