CAG ने दिल्ली के 1700 निजी स्कूलों के खाते तलबकर मांगा 5 साल का हिसाब, जानिए क्यों?


नई दिल्ली। दिल्ली हाईकोर्ट के आदेश पर नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (सीएजी) ने 1772 गैर सहायता प्राप्त निजी स्कूलों को ऑडिट नोटिस जारी किया है। स्कूलों से 14 दिन के भीतर पिछले पांच साल का हिसाब मांगा गया है।


कार्यबाहक मुख्य न्यायाधीश मनमोहन की पीठ ने इस मामले में पूर्व में दिल्ली सरकार द्वारा इन स्कूलों के खातों की जांच न करने पर नाराजगी जाहिर की थी। हाईकोर्ट के निर्देश पर अब कैग द्वारा स्कूलों को नोटिस जारी किया गया है। 




नोटिस में हाईकोर्ट के आदेश का हवाला देते हुए कहा गया है कि 31 मार्च 2023 तक का हिसाब पेश करें। कैग को स्कूलों के ऑडिट की विस्तृत रिपोर्ट 11 मार्च को उच्च न्यायालय के समक्ष पेश करनी है। कैग ने अपने नोटिस में कहा कि स्कूल इस नोटिस को गंभीरता से लें।


जनहित याचिका पर नोटिस: गैर सरकारी संगठन जनसेवा वेलफेयर सोसायटी जनहित याचिका दायर कर कहा था कि निजी स्कूलों को तब तक फीस बढ़ाने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए, जब तक उनके खातों का ऑडिट कैग और शिक्षा निदेशालय द्वारा नहीं हो जाता। निजी स्कूलों का ऑडिट 2010 में हुआ था। उस समय भी 25 निजी स्कूलों का ऑडिट किया गया था।



कैग ने सात तरह की जानकारी मांगी

1. आगामी वर्ष की प्रातियों और भुगतान का बजट अनुमान ।
2. आय-व्यय का ब्योरा, पिछले वर्ष की बेलेंस शीट, आंतरिक लेखापरीक्षा रिपोर्ट
3. 30 अप्रैल 2023 तक छात्रों के नामांकन की रिपोर्ट 
4. रियायते छात्रवृत्ति आदि का पैटर्न
5. स्कूल कर्मधारियों की तनख्वाह और अन्य खर्च का थोरा
6. फीस, जुर्माना, फड की सूची
7. वेतन के सवितरण की तारीखों को दर्शाने वाला विवरण