साथी की हत्या पर शिक्षक गुस्सा मांगा एक करोड़ रुपये मुआवजा,मृतक आश्रित को नौकरी, पत्नी को 60 वर्ष की आयु तक पूरा वेतन देने की भी की मांग


लखनऊ। मुजफ्फरनगर में शिक्षक धर्मेंद्र कुमार की हत्या को लेकर प्रदेश भर के शिक्षकों ने आक्रोश व्यक्त किया। उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षक संघ (चंदेल गुट) के नेतृत्व में मूल्यांकन कर रहे शिक्षकों ने पूरे प्रदेश में विरोध-प्रदर्शन किया। प्रदेश अध्यक्ष चेत नारायण सिंह ने बनारस में शिक्षकों का नेतृत्व किया और कहा कि हत्या की एफआईआर लिखे जाने और मृतक शिक्षक के परिजनों को एक करोड़ की आर्थिक सहायता दिए जाने तक शिक्षकों का बहिष्कार जारी रहेगा। संघ के प्रदेश मंत्री संजय द्विवेदी ने बताया कि बनारस, लखनऊ, संत कबीरनगर, आगरा, अलीगढ़, मेरठ, रामपुर समेत कई जिलों में पूरी तरह मूल्यांकन ठप रहा और आगे भी रहेगा।

उप्र माध्यमिक शिक्षक संघ (पांडेय) की प्रदेश कार्यकारिणी की वर्चुअल बैठक प्रदेश अध्यक्ष अमरनाथ सिंह की अध्यक्षता में हुई। इसमें सरकार से मृतक आश्रित को नौकरी, पत्नी को 60 वर्ष की आयु तक पूरा वेतन, संबंधित पुलिसकर्मी को कड़ी सजा देने की मांग की गई। संघ के प्रदेश महामंत्री आशीष कुमार सिंह ने कहा कि तीन दिन में सरकार ने इस पर निर्णय नहीं लिया तो संघ पूरे प्रदेश में मूल्यांकन का बहिष्कार करेगा। बैठक में डॉ. जितेंद्र कुमार सिंह पटेल, भगवान शंकर त्रिवेदी, भोज कुमार शर्मा, नंद कुमार मिश्र, शैलेन्द्र द्विवेदी, संजय बाजपेयी समेत कई जुटे। राजकीय शिक्षक संघ के प्रांतीय अध्यक्ष रामेश्वर पांडेय, महामंत्री सत्य प्रकाश मिश्र व उत्तर प्रदेश


माध्यमिक शिक्षक संघ पांडेय गुट के शिक्षक नेता ओपी त्रिपाठी ने इस घटना को दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए संबंधित पुलिसकर्मी पर कड़ी कार्रवाई की मांग उठाई है।


अटेवा व आप ने भी किया समर्थन

मामले में शिक्षकों की मांग का अटेवा व आम आदमी पार्टी ने समर्थन किया। अटेवा के प्रदेश अध्यक्ष विजय कुमार बन्धु ने कहा कि परिवार को एक करोड़ की आर्थिक सहायता के साथ ही परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी दी जाए। प्रदेश महामंत्री डॉ. नीरजपति त्रिपाठी ने कहा कि पीड़ित परिवार को सहायता यदि नहीं मिलती है तो मूल्यांकन का बहिष्कार जारी रहेगा। आप शिक्षक प्रकोष्ठ के वरिष्ठ उपाध्यक्ष शैलेंद्र सिंह राठौर ने शिक्षक की हत्या के लिए प्रदेश सरकार को जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने संबंधित पुलिसकर्मी के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज करते हुए सख्त कार्रवाई की मांग की।


न्यायालय के निर्देश के बाद भी शिक्षकों से गैर शैक्षणिक कार्य लिया जा रहा है। शिक्षक पढ़ाने, परीक्षा कराने आदि के बाद अब ट्रक से कॉपियों का बंडल भी पहुंचा रहा है। यह घटना दुर्भाग्यपूर्ण है और इस पर कड़ी कार्रवाई की जाए। साथ ही शिक्षकों को गैर शैक्षणिक कार्य से पूरी तरह मुक्त किया जाए।

डॉ. दिनेश चंद्र शर्मा, प्रदेश अध्यक्ष, उत्तर प्रदेश शिक्षक महासंघ