लखनऊ। एमएससी की पढ़ाई के लिए सामान्य तौर पर बीएससी की डिग्री होना जरूरी है, लेकिन लखनऊ विश्वविद्यालय में नई शिक्षा नीति के तहत अब बीए करने वाले विद्यार्थी भी एमएससी में दाखिला ले सकेंगे। विवि ने अपने अधिनियम में इस संबंध में बदलाव कर दिया है।
अगले सत्र से किसी भी स्ट्रीम में स्नातक करने वाले विद्यार्थी किसी भी विषय में परास्नातक की पढ़ाई कर सकेंगे। इसके लिए उनको सिर्फ प्रवेश परीक्षा पास करनी होगी। परीक्षा पास करने के बाद उन्हें उनकी पसंद की कक्षा में प्रवेश मिल जाएगा। इसमें उनकी स्नातक की डिग्री
किस स्ट्रीम में है, इसका कोई मायने नहीं होगा। लविवि की डीन एकेडमिक्स प्रो. गीतांजलि मिश्रा ने बताया कि नई शिक्षा नीति में पढ़ाई के लिए अनिवार्यता और नियमों के बजाय विद्यार्थी की पसंद को प्रमुखता दी गई है। ऐसे में अगर किसी विद्यार्थी की रुचि विज्ञान विषय में है,
लेकिन उसने संबंधित विषय में स्नातक की डिग्री हासिल नहीं की है तो भी वह अपनी पसंद के विषय की पढ़ाई कर सकेगा।
फिलहाल एक वर्षीय पीजी कोर्स में मिलेगी सुविधा
प्रो. गीतांजलि ने बताया कि फिलहाल नई व्यवस्था एक वर्षीय परास्नातक पाठ्यक्रम में लागू की गई है। इसमें दाखिला उन विद्यार्थियों को मिलेगा, जिन्होंने चार वर्षीय स्नातक पाठ्यक्रम की डिग्री हासिल की है। इन विद्यार्थियों के लिए पीजी पाठ्यक्रम सिर्फ एक वर्ष का ही होगा। इसके बाद यह व्यवस्था दो वर्षीय पीजी पाठ्यक्रम पर भी लागू हो जाएगी।