फिर उठने लगी मांग कि शिक्षामित्रों के मानदेय से न की जाए कटौती


शिक्षामित्रों की वेतन कटौती न की जाये


लखनऊ। प्रत्येक वर्ष की तरह इस बार भी प्रदेश के लगभग 1 लाख 42 हजार शिक्षामित्रों को 1 जून से 14 जून तक मानदेय नहीं मिलेगा जबकि पिछले कई वर्षों से उत्तर प्रदेश प्राथमिक शिक्षामित्र संघ द्वारा जून के मानदेय दिये जाने को लेकर मांग करता रहा हैं लेकिन उत्तर प्रदेश शासन द्वारा इस पर कोई भी निर्णय नहीं लिया गया है.


 जबकि पहले 1 जून से 30 जून तक एक माह का मानदेय नहीं मिलता था तब प्रदेश के अधिकांश शिक्षामित्र कहीं बाहर जाकर या किसी अन्य कार्य को कर अपने परिवार का भरण पोषण कर लिया करते थे लेकिन अब जनवरी एवं जून में 15 - 15 दिन की दो बार वर्ष में मानदेय की कटौती की जाती है। अब इन 15 दिनों में अचानक कहां से आर्थिक व्यवस्था की जाए जिससे शिक्षामित्रों का परिवार चल सके। जहां एक ओर 10 हजार रुपये में शिक्षामित्र का गुजारा हो पाना मुश्किल हो रहा है वही मात्र पांच हजार में वह अपना कैसे परिवार चलायें।









उत्तर प्रदेश प्राथमिक शिक्षामित्र संघ के प्रदेश महामंत्री कौशल कुमार सिंह ने प्रदेश सरकार से मांग किया है कि सामान्य कार्य समान वेतन के आधार पर जून के 15 दिवसीय मानदेय की कटौती न की जाये एवं शिक्षामित्र को भी सम्मानजनक अन्य शिक्षकों की भांति वेतन दिये जाने की व्यवस्था की जाये।