बीएसए के सामने हिंदी की किताब नहीं पढ़ सके बच्चे



रामपुर। परिषदीय स्कूलों में शिक्षक निपुण अभियान को पलीता लगा रहे हैं। आलम यह है कि बच्चे न तो हिंदी की किताब पढ़ पा रहे हैं और न ही जोड़ घटाना हल कर पा रहे हैं। शनिवार को बीएसए राघवेंद्र सिंह के स्कूलों के निरीक्षण के दौरान शिक्षा व्यवस्था की खामियां उजागर हुईं। बीएसए ने शिक्षकों को सख्त चेतावनी देते हुए शिक्षा का स्तर ठीक करने पर जोर दिया। वहीं निरीक्षण के दौरान कई शिक्षक व शिक्षामित्र भी गैर हाजिर मिले। इस पर नाराजगी जताते हुए उन्होंने वेतन काटने के निर्देश दिए।


बेसिक शिक्षा विभाग द्वारा परिषदीय स्कूलों के बच्चों को शैक्षिक स्तर और बेहतर करने के लिए निपुण अभियान चलाया जा रहा है। इस अभियान के तहत विभागीय अधिकारी बच्चों को अच्छी शिक्षा देने पर लगातार जोर दे रहे हैं, लेकिन इस अभियान को झटका लगा है। शनिवार को बीएसए के निरीक्षण में अभियान की पोल खुल गई। बीएसए राघवेंद्र सिंह ने चमरौआ के प्राथमिक विद्यालय व उच्च प्राथमिक विद्यालय मोमिनपुर का औचक निरीक्षण किया। प्राथमिक विद्यालय मोमिनपुर में शिक्षा मित्र करतार सिंह व मोनिका अनुपस्थित मिले, जिनका मानदेय काटा गया। उच्च प्राथमिक विद्यालय में अनुचर आरिफ अली का भी वेतन काटा। बीएसए ने निरीक्षण के दौरान कक्षा तीन, चार व पांच के छात्र-छात्राओं से हिंदी की पुस्तक पढ़वाई साथ ही गणित के साधारण से सवाल कराए, लेकिन छात्र-छात्राएं न तो किताब पढ़ पाए और न ही जोड़ घटा कर पाए। बीएसए ने शैक्षिक गुणवत्ता पर विशेष ध्यान देने और पूरे स्टाफ को चेतावनी नोटिस जारी किया। इसी तरह उन्होंने शाहबाद के प्राथमिक विद्यालय पलपुरा एवं संविलियन विद्यालय सहविया कलां, मझरा सहविया कलां का औचक निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान प्राथमिक विद्यालय पलपुरा में इंचार्ज प्रधानाध्यापक भानू प्रताप सिंह अनुपस्थित पाए गए। जिस पर उनका उक्त दिवस का वेतन काटा गया। बीएसए ने यहां पर भी छात्र-छात्राओं को हिन्दी की पुस्तक पढ़वाई तथा गणित के साधारण से सवाल हल कराए। यहां भी यही स्थिति मिली। बीएसए ने इस पर नाराजगी जाहिर करते हुए शैक्षिक गुणवत्ता में सुधार हेतु नोटिस जारी किया।





स्कूलों का किया जा रहा निरीक्षण
रामपुर। शिक्षकों की ऑनलाइन हाजिरी का आदेश स्थगित होने के बाद बेसिक शिक्षा विभाग ने स्कूलों की जांच शुरू कर दी है। शिक्षकों की उपस्थिति ध्यान दिया जा रहा है। पिछले दिनों हुई एक बैठक में डीएम ने भी साफ किया था कि निरीक्षण की सूचना लीक नहीं होनी चाहिए। यदि सूचना लीक होती है तो कार्रवाई की जाएगी। इसके अलावा निरीक्षण करनेवाले अफसरों के साथ यदि कोई अभद्र व्यवहार करता है तो उसके खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी। डीएम के आदेश के बाद अब परिषदीय स्कूलों में निरीक्षण तेज कर दिए गए हैं।

बच्चों की शत प्रतिशत उपस्थिति पर भी जोर
बेसिक शिक्षा विभाग ने बच्चों की शत प्रतिशत उपस्थिति बनाए रखने पर भी जोर दिया है। बीएसए राघवेंद्र सिंह ने बताया कि बच्चों की शत प्रतिशत उपस्थिति जरूरी है। जिले के 172 स्कूलों में 50 फीसदी से भी कम बच्चे स्कूल पहुंच रहे हैं, जिस पर प्रधानाध्यापकों को नोटिस भी जारी किया जा चुका है। बीएसए ने बताया कि यदि बच्चों की उपस्थिति में सुधार नहीं हुआ तो प्रधानाध्यापकों व इंचार्ज प्रधानाध्यापकों के खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी। इसको लेकर सभी खंड शिक्षाधिकारियों को निर्देश जारी कर दिया गया है।