नमस्कार साथियों,
सर्वप्रथम आपको अवगत कर देता हूँ कि आज दिल्ली में कई अधिवक्ता से चर्चा की गई और सरकार के द्वारा किये जा रहे विद्यालयों के मर्जर को लेकर गहन चिंतन मनन हुआ तो कुल मिलाकर ACT और rules के हिसाब से सरकार ये मर्जर कर नहीं सकती है।
चूँकि सरकारी कर्मचारी की एक सीमा होती है और यहाँ पर छात्रों के मौलिक अधिकारों का हनन है तो इस पर शिक्षक सीधा कोर्ट नहीं जा सकता है । आक्रोश सब जगह आप देख ही रहे हैं लेकिन अधिकारी सत्ता के दबाव में आकर ज़बरदस्ती मर्जर करने पर उतारू हैं तो इसको लेकर एक रूप रेखा तय की गई है।
ऐसे छात्रों के अभिभावक से सम्पर्क कीजिए जिनका विद्यालय मर्ज़ होने के बाद काफ़ी दूर हो रहा है और उन्हें समझाइये कि शिक्षक समाज भी आपके साथ है तो आपको और हमें एक आवाज़ में साथ कार्य करना होगा। ऐसे अभिभावकों से उनके बच्चे का नाम, आधार कार्ड, उनका आधार कार्ड (माता/पिता में से किसी एक का) बच्चा पहले किस विद्यालय में था और मर्ज़ होने के बाद किस विद्यालय में जाएगा (जिले के नाम सहित) और दोनों विद्यालयों के बीच की दूरी का डेटा ले लीजिए और उनके consent पर कि कोर्ट कार्यवाही में काम किया जाएगा और इससे राहत मिलेगी, उसके बाद मुझसे साझा कीजिए।
इसके अलावा आपको बता दूँ अलग-अलग कई लोग कोर्ट जाने की तैयारी में हैं तो ऐसा न करके क्यों न हम सभी लोग एकत्रित होकर सब जगह आवाज़ उठाएँ इसके लिए चाहे तो ऐसे लोग हमसे सम्पर्क कर सकते हैं। लड़ाई लम्बी जा सकती है इसलिए जिले-जिले लोगों (शिक्षकों अभिभावकों सभी को) को जागरूक करना अति-आवश्यक है ये किसी के वर्चस्व की नहीं बेसिक को बचाने की लड़ाई है क्योंकि आप सभी जान रहे हैं कि इसके बाद हर सत्र में ऐसे विद्यालय मर्ज़ किए जाएँगे जिनमे नामांकन कम होगा और तेज़ी से आउट्सॉर्सिंग को बढ़ावा दिया जाएगा ।
अभी मैं किसी को सहयोग के लिए नहीं कह रहा हूँ, अभी आपको कार्य जो दिया है उसमें लगिये, सहयोग भी लिया ही जाएगा बिना सहयोग के लड़ाई तो होगी नहीं क्योंकि अभिभावक जो कि गाँव नहीं छोड़ता है अपना वो क्या ही कोर्ट कचहरी जाएगा और कहाँ से ख़र्च करेगा। हम कई लोग इस पर चर्चा कर रहे हैं सहयोग के लिए दिशा-निर्देश का कल तक इंतज़ार कीजिए और जो चीज़ें कही हैं उनको अमल में लाइए।
देखिए ये समायोजन जो कर रहे हैं ये सब आपको भटकाने का प्रयास है इस मर्जर के बाद न तो पदोन्नत्ति होनी है और न ही ट्रांसफ़र ये हर तरीक़े से बेसिक के स्कूलों को पैक करके फिर हर साल दो साल में विद्यालय बंद करके आपको घुमाएँगे । जो ये सोचते हैं कि हमारा नहीं हो रहा है हमारा बच गया है तो सनद रहे नम्बर सभी का आएगा बचेगा कोई नहीं ।
एक विशेष बात और ये लड़ाई नए-पुराने शिक्षक की नहीं है ये बेसिक के हर शिक्षक की है और हर शिक्षक बेसिक शिक्षा के लिए बहुत ज़रूरी है और ये वर्चस्व की लड़ाई पूर्ण बहुमत की सत्ता से है तो कृपा करके एक-एक शिक्षक अपनी ज़िम्मेदारी को समझे समायोजन ट्रांसफ़र पदोन्नत्ति भी करवा ही लेंगे अगर एक बार इसको रोक लिया गया तो इसलिए साथ आइये, समय बहुत कम है जल्दी लखनऊ या इलाहाबाद दोनों जगह जाकर अधिवक्ताओं से चर्चा करके कार्यवाही आगे बढ़ानी होगी।
लिस्ट को आप बना लीजिए जो मैंने अभिभावकों के डेटा के लिए कहा है।
धन्यवाद
9927035996
#rana