13 June 2025

पति का आरोप...शिक्षिका पत्नी ने फर्जी विकलांगता प्रमाणपत्र के सहारे पाई नौकरी

 बरेली। उच्च प्राथमिक विद्यालय कंपोजिट कृंडरिया, इखलासपुर ब्लॉक मझगवां में सहायक अध्यापिका पूजा गुप्ता के खिलाफ उनके पति ने फर्जी विकलांगता प्रमाण पत्र के आधार पर नौकरी हासिल करने का गंभीर आरोप लगाया है। पति की ओर से की गई शिकायत के बाद बेसिक शिक्षा अधिकारी ने स्टेट बोर्ड को शिक्षिका का मेडिकल परीक्षण के लिए पत्र भेजा है।




पति अखिलेश कुमार अग्रवाल का आरोप है कि पूजा गुप्ता ने वर्ष 2009 में विकलांग कोटे के तहत शाहजहांपुर में नौकरी प्राप्त की थी। इसके लिए उन्होंने मुख्य चिकित्सा अधिकारी, मऊ की ओर से 13 अप्रैल 2004 को जारी विकलांगता प्रमाण पत्र प्रस्तुत किया था, जिसमें उन्हें 52 प्रतिशत विकलांग दर्शाया गया है। पति का दावा है कि पूजा की वास्तविक विकलांगता 20 प्रतिशत से अधिक नहीं है। 25 सितंबर 2024 को बेसिक शिक्षा अधिकारी संजय सिंह को इसकी जानकारी दी। इसके बाद बीएसए ने स्कूल में जाकर मामले की जांच की। इसके बाद मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने पूजा का विकलांगता प्रमाण पत्र जारी किया और उसमें 20 प्रतिशत ही विकलांगता को दर्शाया। इसके बाद अब बीएसए ने स्टेट मेडिकल बोर्ड को पत्र लिखकर पूजा गुप्ता की विकलांगता की पुनः जांच कराने का अनुरोध किया है। संवाद



सारे आरोप निराधार

सभी आरोप निराधार हैं। मुझसे और बच्चों से अखिलेश का कोई मतलब नहीं है। उनका मकसद जिले से मुझे निकाल दें और नौकरी हासिल कर ले। तलाक का मामला चल रहा है। कोई भी आरोप साबित नहीं हुए हैं। पैसे खिलाकर आरोप लगा रहे हैं। यह सब झूठ है। विभाग की ओर से जांच चल रही है। -पूजा गुप्ता, शिक्षिका

मेरे ऊपर मुकदमा दर्ज कराया

अखिलेश कुमार अग्रवाल ने बताया कि मैंने अपनी पूरी संपत्ति पूजा के नाम कर दी, इसके बाद भी उसने मेरे ऊपर मुकदमा करा दिया। अगर ऐसा कुछ होता ही तो मैं उसके नाम अपनी संपत्ति क्यूं करता। उसके लगाए गए सभी इलजाम निराधार हैंं। जाली प्रमाण पत्र के सहारे उसने नौकरी हासिल की है।


पूजा गुप्ता का मामला हमारे पास आया था। इसमें मऊ के दस्तावेज और बरेली के प्रमाण पत्र में विकलांगता के प्रतिशत में बहुत अंतर देखने को मिला है। अब इसके लिए स्टेट बोर्ड को पत्र जारी कर मेडिकल कराने की तिथि मांगी गई है। इसके बाद ही मामले की सच्चाई सामने आएगी। - संजय सिंह, बीएसए