लखनऊ। राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के अध्यक्ष हरिकिशोर तिवारी के नेतृत्व में प्रतिनिधिमंडल ने बृहस्पतिवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मुलाकात की। इस दौरान कर्मचारी समस्याओं, भर्ती, अनावश्यक न्यायिक विवादों पर चर्चा हुई। इसमें अधीनस्थ चयन आयोग, शिक्षा आयोग आदि में चयन प्रक्रिया गति धीमी होने का मुद्दा उठाया गया। हरिकिशोर तिवारी ने मुख्यमंत्री को बताया कि प्रदेश में 2015 से अब तक काफी रिक्तियां कतिपय कारणों से देरी का शिकार हैं। ऐसे में प्रदेश में विभिन्न संवर्ग के 50 प्रतिशत पद खाली हैं। इनमें कई संवर्ग तो ऐसे है जिनके कारण जमीनी स्तर पर काम का निस्तारण धीमी गति से हो पा रहा है। उन्होंने मुख्यमंत्री को अवगत कराया कि कार्मिकों के न्यायालय से संबंधी विवादों को निपटाने के लिए सरकार द्वारा एक उच्च स्तरीय कमेटी बनाई गई थी।
किंतु विभागीय विवाद फोरम नाम की इस समिति की बैठक न होने से प्रकरण न्यायालय में चल रहे हैं। इससे सरकार के साथ साथ
कार्मिक का धन और समय दोनों बर्बाद हो रहा है। जबकि कार्मिक के कई ऐसे प्रकरण जो न्यायालय में चल रहे हैं। जिनको आपसी समझौते या विभागीय विवाद समाधान फोरम पर निपटाया जा सकता है।
बैठक में आउटसोर्सिग, कैशलेस इलाज, पुरानी पेंशन व्यवस्था पर भी चर्चा की गई। मुख्यमंत्री ने परिषद पदाधिकारियों की बात सुनने के बाद समस्याओं के समाधान का आश्वासन दिया। बैठक में परिषद के कार्यवाहक अध्यक्ष एनडी द्विवेदी, वरिष्ठ उपाध्यक्ष प्रेम कुमार सिंह, महामंत्री शिवबरन सिंह यादव, अपर महामंत्री डॉ. नरेश, एचएन मिश्रा आदि उपस्थित थे