13 June 2025

उत्तर प्रदेश के शिक्षकों की मुख्यमंत्री से मार्मिक अपील: भीषण गर्मी में राहत और सुविधाओं की मांग (16-30 जून)

 *उत्तर प्रदेश के शिक्षकों की मुख्यमंत्री से मार्मिक अपील: भीषण गर्मी में राहत और सुविधाओं की मांग (16-30 जून)*

उत्तर प्रदेश के समस्त शिक्षकगण मुख्यमंत्री से पुरज़ोर अपील कर रहे हैं कि 16 जून से 30 जून तक जारी भीषण गर्मी को देखते हुए उन्हें तत्काल राहत और आवश्यक सुविधाएँ प्रदान की जाएँ. शिक्षकों का कहना है कि एक ओर सरकार समाचार पत्रों में यह विज्ञापन दे रही है कि "कोई भी व्यक्ति, बूढ़े, बच्चे, जवान, बिल्कुल भी घर से बाहर न निकलें", और दूसरी ओर शिक्षकों को इसी जानलेवा गर्मी में विद्यालयों में उपस्थित होने के लिए मजबूर किया जा रहा है. यह स्थिति अत्यंत विरोधाभासी और असहनीय है.


शिक्षकों द्वारा उठाई जा रही मुख्य माँगें और चुनौतियाँ इस प्रकार हैं:

 *सरकारी निर्देशों का उल्लंघन*: जब सरकार स्वयं अत्यधिक गर्मी में घर से बाहर न निकलने की सलाह दे रही है, तो शिक्षकों को विद्यालय बुलाना इस निर्देश का सीधा उल्लंघन है. यह उनकी सुरक्षा और स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ है.

 *दयनीय यात्रा सुविधाएँ*: भीषण गर्मी में विद्यालय तक पहुँचने के लिए विभाग द्वारा कोई वातानुकूलित (AC) वाहन उपलब्ध नहीं है. कई विद्यालयों तक पहुँचने के लिए तो सड़कें और बिजली जैसी बुनियादी सुविधाएँ भी नहीं हैं, जिससे यात्रा और भी दुष्कर हो जाती है.

 *विद्यालयों में सुविधाओं का अभाव*: विद्यालयों में AC कक्षाओं की तो बात ही छोड़िए, कई जगह पंखे तक ढंग से काम नहीं करते. शिक्षकों की न्यूनतम अपेक्षा है कि कम से कम कूलर की व्यवस्था तो हो, ताकि वे थोड़ी राहत पा सकें. ठंडे पानी जैसी मूलभूत सुविधा का भी कई जगह अभाव है. ऐसे में शिक्षकों को असहनीय गर्मी में पूरा समय बिताना पड़ता है.

 *बच्चों की अनुपस्थिति में कार्य का औचित्य*: जब विद्यालय में बच्चे उपस्थित ही नहीं हैं (जैसा कि गर्मी की छुट्टियों के कारण अपेक्षित है), तो शिक्षकों को 6 घंटे विद्यालय में रहकर क्या करना है, यह स्पष्ट नहीं है. बच्चों के बिना शिक्षकों की उपस्थिति का कोई सार्थक उद्देश्य नहीं रह जाता, और यह केवल समय और ऊर्जा की बर्बादी है.

शिक्षकों का मानना है कि सरकार को सबसे पहले इन मूलभूत समस्याओं का समाधान करना चाहिए. उनकी प्रमुख माँगें हैं कि:

 *तत्काल राहत*: 16 जून से 30 जून तक की अवधि के लिए शिक्षकों को गर्मी से राहत प्रदान की जाए, और उन्हें विषम परिस्थितियों में विद्यालय आने के लिए बाध्य न किया जाए.

 *बुनियादी सुविधाओं का प्रावधान*: विद्यालयों में बिजली, कार्यशील पंखे, कूलर और ठंडे पानी जैसी आवश्यक सुविधाओं की तत्काल व्यवस्था सुनिश्चित की जाए.

 *पहुँच मार्गों का सुधार*: विद्यालयों तक पहुँचने के लिए पक्की सड़कों और उचित प्रकाश की व्यवस्था की जाए.

 *सार्थक कार्य योजना*: बच्चों की अनुपस्थिति की स्थिति में शिक्षकों के लिए स्पष्ट और उपयोगी कार्य योजना बनाई जाए, ताकि उनके समय का सदुपयोग हो सके और वे व्यर्थ में भीषण गर्मी में यात्रा न करें.

यह अपील उत्तर प्रदेश के हजारों शिक्षकों की सामूहिक आवाज़ है, जो चाहते हैं कि सरकार उनकी समस्याओं पर संवेदनशीलता से विचार करे और उन्हें आवश्यक सुविधाएँ प्रदान कर जल्द से जल्द इस विषम स्थिति का समाधान करे.