सुप्रीम कोर्ट द्वारा कक्षा एक से आठ तक के लिए शिक्षक पात्रता परीक्षा (टीईटी) को अनिवार्य किए जाने के बाद से प्रदेश के लाखों शिक्षक काफी परेशान थे। शिक्षकों की चिंता को देखते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस मामले में बेसिक शिक्षा विभाग को रिवीजन याचिका (रिव्यू पिटीशन) दाखिल करने का निर्देश दिया था। इस क्रम में विभाग की ओर से सुप्रीम कोर्ट में रिवीजन याचिका दाखिल कर दी गई है। इससे प्रदेश के लाखों शिक्षकों ने राहत की सांस ली है।
मुख्यमंत्री ने सुबह सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर बताया था कि बेसिक शिक्षा विभाग के सेवारत शिक्षकों के लिए टीईटी की अनिवार्यता पर उच्चतम न्यायालय के आदेश का रिवीजन दाखिल करने का विभाग को निर्देश दिया है। प्रदेश के शिक्षक अनुभवी हैं और समय-समय पर सरकार द्वारा उन्हें प्रशिक्षण प्रदान किया जाता रहा है। ऐसे में उनकी योग्यता और सेवा के वर्षों को नजरअंदाज करना उचित नहीं है।
सीएम के इस निर्देश से प्रदेश भर के शिक्षकों ने राहत की सांस ली है। इसके लिए उन्होंने सीएम का आभार भी जताया है। बता दें कि एक सितंबर को सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया था कि कक्षा एक से आठ तक पढ़ाने वाले शिक्षकों के लिए टीईटी पास करना अनिवार्य होगा। जो इसे नहीं कर पाएंगे, उन्हें नौकरी छोड़नी होगी। इससे प्रदेश के भी लाखों शिक्षकों की धड़कनें बढ़ी हुई हैं। इसमें कई ऐसे हैं जो 25-30 साल नौकरी भी कर चुके हैं।
इससे राहत देने व सुप्रीम कोर्ट में रिव्यू पिटीशन दाखिल करने के लिए लगातार शिक्षक संगठन मांग कर रहे हैं। जिलों में वह प्रदर्शन कर इसके लिए प्रधानमंत्री, शिक्षा मंत्री व प्रदेश सरकार को ज्ञापन भी भेज रहे हैं। जबकि जनप्रतिनिधियों ने भी सीएम से मिलकर इस मामले में रिव्यू पिटीशन डालने की मांग कर रहे थे। ताकि शिक्षकों को राहत मिल सके। बेसिक शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने बताया कि सीएम के निर्देश पर रिव्यू पिटीशन दाखिल कर दी गई है।
लगभग डेढ़ लाख शिक्षक हो रहे प्रभावित
सुप्रीम कोर्ट के आदेश से प्रदेश के लगभग डेढ़ लाख शिक्षक प्रभावित हो रहे हैं। हालांकि बेसिक शिक्षा विभाग और शिक्षक संगठन अभी इस डाटा को एकत्र करने में लगे हैं कि प्रदेश के कितने शिक्षक बिना टीईटी के हैं। जिनकी सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद से धड़कन बढ़ी हुई है।
- प्रदेश में 1.32 लाख परिषदीय विद्यालय हैं
- इन स्कूलों में 1.49 करोड़ छात्र पढ़ रहे हैं
- प्रदेश में शिक्षकों की संख्या 4.50 लाख है
- शिक्षामित्रों की संख्या 1.43 लाख है
- विद्यालयों में अनुदेशक 25 हजार हैं
प्रदेश सरकार शिक्षकों के हित के लिए प्रतिबद्ध: संदीप सिंह
बेसिक शिक्षा राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) संदीप सिंह ने सीएम की ट्वीट को रि-ट्वीट करते हुए लिखा कि मुख्यमंत्री द्वारा बेसिक शिक्षा विभाग के सेवारत शिक्षकों के लिए टीईटी की अनिवार्यता से संबंधित उच्चतम न्यायालय के आदेश पर रिवीजन दाखिल करने का विभाग को निर्देश दिया गया है।
प्रदेश के शिक्षकों ने अपनी निष्ठा और सेवाभाव से न केवल ज्ञान का प्रसार किया है, बल्कि पीढ़ियों को संस्कारित कर राष्ट्र निर्माण की आधारशिला को मजबूत किया है। हमारे शिक्षकों का अनुभव और उनकी योग्यता शिक्षा व्यवस्था के सुदृढ़ीकरण में काफी महत्वपूर्ण है। मुख्यमंत्री के नेतृत्व में प्रदेश सरकार शिक्षकों के हित संरक्षण के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है।
सरकार से शिक्षकों की मांग
उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. दिनेश चंद्र शर्मा ने कहा कि सीएम का निर्णय स्वागत योग्य एवं शिक्षक हित में है। उन्होंने कहा कि विभाग द्वारा रिवीजन में जाने से पूर्व एनसीटीई द्वारा स्पष्ट कराया जाए कि आरटीई 2009 के सेक्शन 23 (2) का संशोधन आरटीई लागू होने से पूर्व नियुक्त शिक्षकों पर लागू नहीं होता है।