हिन्दी की परीक्षा निरस्त करने की मांग उठाई
प्रयागराज। विज्ञापन संख्या 51 के तहत असिस्टेंट प्रोफेसर हिन्दी की परीक्षा निरस्त कराने की मांग को लेकर भी अभ्यर्थियों ने शुक्रवार को ज्ञापन सौंपा। छात्रों ने रैंडमाइजेशन न होने और पाठ्यक्रम से बाहर के सवाल पूछने के अलावा प्रश्नपत्र में गड़बड़ियां समेत कई कारण गिनाए हैं।
प्रयागराज, मुख्य संवाददाता। अशासकीय सहायता प्राप्त महाविद्यालयों में असिस्टेंट प्रोफेसर (विज्ञापन संख्या 51) के 910 पदों पर 16 और 17 अप्रैल को आयोजित परीक्षा को निरस्त कराने की मांग को लेकर अभ्यर्थियों ने शुक्रवार को उत्तर प्रदेश शिक्षा सेवा चयन आयोग के उप सचिव विकास सिंह और केके गिरि को ज्ञापन सौंपा। प्रतियोगी छात्रों की मांग है कि परीक्षा नियंत्रक को तत्काल प्रभाव से हटाते हुए परीक्षा रद्द दोबारा नए सिरे से कराई जाए।
अभ्यर्थियों ने दावा किया कि रुमाल पर उत्तरकुंजी लेकर नकल करते हुए पकड़े गए एक छात्र पर पुराने कानून के तहत एफआईआर कराई गई जिसमें अधिकतम सजा तीन महीने कैद व ₹दो हजार जुर्माना है जबकि 30 जुलाई 2024 से लागू नए कानून में पेपरलीक जैसी गंभीर घटनाओं पर ₹50 लाख से एक करोड़ जुर्माना व आजीवन कारावास तक की सजा है। परीक्षा में रजिस्ट्रेशन नंबर के अनुसार बिना रैंडमाइजेशन के कक्ष आवंटन हुआ जिसके चलते एक कक्ष में एक साथ एक ही विषय के छात्रों को बैठाया गया।
इसके अलावा कई बिन्दुओं पर आयोग की पारदर्शिता और निष्पक्षता पर सवाल खड़े करते हुए पुनः परीक्षा कराने की मांग की है। ज्ञापन देने वालों में लालता प्रसाद, शशिकांत, सुखदेव, नंदकिशोर प्रजापति, नरेन्द्र शर्मा, अभय, सुनील मौर्या, शैलेन्द्र, मनीष सिंह आदि शामिल रहे।