शिक्षकों के वक्त से स्कूल आने का तंत्र तैयार करने का निर्देश
हाईकोर्ट ने गांवों के गरीब छात्रों के शिक्षा पाने के अधिकार सहित जीवन-समानता के अधिकारों की पूर्ति के लिए राज्य सरकार को सरकारी, गैर सरकारी शिक्षण संस्थानों में अध्यापकों की समय से उपस्थिति का तंत्र तैयार करने का निर्देश दिया है। यह आदेश न्यायमूर्ति पीके गिरि ने बांदा की अध्यापिका इंद्रा देवी,लीना चौहान की याचिका पर दिया है।
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कोर्ट को बताया गया कि मुख्य सचिव इसी मुद्दे पर बैठक कर रहे हैं। कोर्ट ने अगली सुनवाई पर इसकी जानकारी मांगी है। कोर्ट ने कहा कि स्वतंत्रता के बाद से सरकार ने जमीनी स्तर पर अध्यापकों की समय से उपस्थिति का तंत्र नहीं बनाया, जिससे हाईकोर्ट में याचिकाएं आ रही हैं। कोर्ट ने याचियों की पहली गलती और भविष्य में गलती न दोहराने के आश्वासन पर उन्हें क्षमा कर दिया। याचियों ने कहा कि भविष्य में पोर्टल पर उपस्थिति दर्ज कराती रहेंगी।
दस मिनट की छूट संभव बस ये आदतन न हो : कोर्ट
कोर्ट ने कहा कि आज के दौर में इलेक्ट्रॉनिक माध्यम से उपस्थिति कराई जा सकती है। कोई कभी देरी से आता है तो दस मिनट छूट दी जा सकती है बशर्ते ये आदतन न हो। सभी अध्यापकों को हर दिन तय समय पर शैक्षिक संस्थानों में मौजूद होना चाहिए।

