माध्यमिक शिक्षक संघ (एकजुट) के प्रान्तीय अधिवेशन में जुटे प्रदेश के हजारों शिक्षकों ने कहा कि अधिकार और सुविधाओं में लगातार कटौती की जा रही है। वेतन, भत्ता, तबादला व नियुक्ति के नाम शिक्षकों का शोषण किया जा रहा है। सेवा सुरक्षा संबंधी धारा 21, धारा 18 एवं धारा 12 के खत्म किये जाने से शिक्षक बंधुआ एवं प्रबंध तंत्र का गुलाम बनकर रह गए हैं।
एकजुट संगठन के प्रदेश अध्यक्ष सोहनलाल वर्मा ने अधिवेशन के सम्बोधन में कहा कि शिक्षक करीब दो वर्ष से सेवा सुरक्षा की बहाली की मांग कर रहे हैं, लेकिन विभाग और शासन के अफसर इस मुद्दे पर चुप्पी साधे हुए हैं। शिक्षकों में भारी आक्रोश है। शिक्षकों का सब्र खत्म हो गया है। हजारों शिक्षकों की उपस्थिति में संगठन की ओर से यह प्रस्ताव पारित किया गया। शिक्षकों की मांगों का निस्तारण न होने पर प्रदेश भर के शिक्षक लखनऊ में डेरा डालकर शीतकालीन सत्र में विधान भवन का घरेाव करेंगे। संगठन की ओर से अशासकीय सहायता प्राप्त स्कूलों के राजकीयकरण, पुरानी पेंशन बहाली आदि का सीएम को सम्बोधित मांग पत्र शासन के जरिये भेजा।
अधिवेशन के दूसरे दिन शैक्षिक संगोष्ठी शुरू
बाबूगंज स्थित रामाधीन सिंह उत्सव भवन में अधिवेशन के दूसरे दिन मंगलवार को शैक्षिक संगोष्ठी का उदघाटन राज्य सूचना आयुक्त पीएन द्विवेदी ने संघ के संरक्षक गुमान सिंह, डॉ.हरि प्रकाश यादव, अध्यक्ष सोहन लाल वर्मा के साथ किया। संघ के महामंत्री राजीव यादव ने कहा कि अधिकारी, स्कूल प्रबंधक शिक्षकों और प्रधानाध्यापकों का उत्पीड़न कर रहे हैं। सूचना आयुक्त ने प्रदेश प्रवक्ता श्रवण कुमार कुशवाहा की किताब सेवा का विमोचन किया। अधिवेशन में बिजेंद्र कुमार, सुरेन्द्र प्रताप सिंह समेत करीब पांच हजार शिक्षक और शिक्षिकाएं शामिल हुईं।

