इलाहाबाद हाई कोर्ट ने कार्यवाहक हेडमास्टर पद पर काम करने वाले टीजीटी प्रवक्ता को हेडमास्टर पद के वेतनमान का हकदार माना है। कोर्ट ने पूर्व मध्य रेलवे को निर्देश दिया है कि याची उमाकांत पांडेय को कार्यवाहक हेडमास्टर पद पर काम करने की अवधि के दौरान नियमित हेडमास्टर का वेतनमान छह प्रतिशत वार्षिक व्याज के साथ भुगतान किया जाए। यह आदेश मुख्य ख्य न्यायमूर्ति अरुण भंसाली और न्यायमूर्ति क्षितिज शैलेन्द्र की पीठ ने दिया है।
मुकदमे से जुड़े संक्षिप्त तथ्य ये हैं कि याची पूर्व मध्य रेलवे इंटर कालेज, दीनदयाल उपाध्याय नगर (मुगलसराय) जिला चंदौली में नियमित प्रशिक्षित स्नातक शिक्षक (टीजीटी) के रूप में कार्यरत था। यहां जूनियर विंग के प्रधानाध्यापक की सेवानिवृत्ति 30 नवंबर 2004 को हुई। इससे पहले तीन नवंबर 2004 के आदेश द्वारा याची को 'प्रभारी प्रधानाध्यापक' के रूप में कार्य करने का निर्देश दिया गया। उन्होंने पहली दिसंबर 2004 से छह मार्च 2008 तक इस पद पर कार्य किया। फिर नियमित पदधारी ने प्रधानाध्यापक का पदभार ग्रहण किया। याची ने कार्य अवधि के लिए हेडमास्टर के समान वेतन भुगतान किए जाने की मांग को लेकर प्रत्यावेदन दिया। उसके प्रत्यावेदन पर कोई निर्णय नहीं लिया गया। उल्टे विभाग ने उसे पद के दायित्व का ठीक से निर्वहन न करने के कारण चार्जशीट जारी कर दी। याची ने विभागीय कार्रवाई को अपीलीय प्राधिकारी के समक्ष चुनौती दी। प्राधिकारी ने विभागीय कार्रवाई रद कर दी। इसके बाद याची ने केंद्रीय प्रशासनिक अधिकरण (कैट) प्रयागराज में याचिका दाखिल की।

