उन्नाव जिले के परिषदीय विद्यालयों में शिक्षकों की कमी के कारण बच्चों की पढ़ाई प्रभावित हो रही है। 2.09 लाख बच्चों के लिए 2365 शिक्षकों को बीएलओ ड्यूटी पर लगाया गया है, जिससे स्कूलों में शिक्षक नहीं हैं और बच्चे इधर-उधर घूम रहे हैं। अभिभावक चिंतित हैं कि शिक्षकों की कमी से बच्चों की शिक्षा पर बुरा असर पड़ रहा है।
जिले के 2709 परिषदीय विद्यालय में अध्ययनरत बच्चों की संख्या 2.09 लाख है। जिनकी अर्द्धवार्षिक परीक्षाएं 28 नवंबर से चार दिसंबर तक होनी हैं। वहीं परीक्षा से पहले बच्चों को विषय का प्रचुर ज्ञान दिए जाने के लिए परिषदीय विद्यालयों में शिक्षकों का टोटा है।
अधिकांश शिक्षक बीएलओ (बूथ लेवल आफीसर) की ड्यूटी में लगा दिए गए हैं। जिससे इन बच्चों की पढ़ाई बाधित हो रही है। वहीं इसका असर अर्द्धवार्षिक परीक्षा के रिजल्ट पर भी पड़ना तय है।
जिले में शिक्षक, शिक्षामित्र व अनुदेशक मिलाकर 2365 अध्यापकों की ड्यूटी बीएलओ कार्य में लगाई गई है। ऐसे में स्कूलों में जहां पढ़ाई होनी चाहिए, वहां बच्चे इधर-उधर घूमते या खेलते नजर आ रहे हैं। इसकी वजह है स्कूलों में शिक्षकों का उपलब्ध न हो पाना। हालांकि बीएसए शैलेष पांडेय व खंड शिक्षा अधिकारी स्कूलों में अतिरिक्त शिक्षकों व शिक्षामित्र वाले विद्यालयों से ही बीएलओ ड्यूटी लगाए जाने का दावा कर रहे हैं।
बीएलओ कार्य के बीच विद्यालयों में पठन-पाठन की स्थिति की पड़ताल की गई। फतेहपुर चौरासी क्षेत्र में कुल 160 विद्यालय है। जिसमें गांव फर्दापुर का प्राथमिक विद्यालय एकल है। जिसमें शिक्षक स्नेह कुमार सिंह की तैनाती है। मौजूदा समय वह सीएल पर हैं। जिनके स्थान पर गोरीमऊ के प्रावि. की शिक्षामित्र भारती त्रिवेदी संचालन कर रही हैं।
दोपहर 12 बजकर 15 मिनट पर विद्यालय के अंदर बच्चे खेल रहे थे। साथ ही आवारा कुत्ते भी विद्यालय के अंदर बैठे थे। मौजूदा समय विद्यालय में 49 बच्चे हैं। गंजमुरादाबाद ब्लाक क्षेत्र के फतेहपुर खालसा प्राथमिक विद्यालय में दो अध्यापक आलिया ताज और हर्षल त्रिवेदी व सलीम खान शिक्षामित्र हैं। शिक्षामित्र सलीम खान की बीएलओ सहायक में ड्यूटी लगी है। आलिया ताज प्रसव अवकाश पर चल रही हैं।
