नई दिल्ली/लखनऊ। शिक्षा
अधिकार अधिनियम लागू होने की तिथि से पूर्व के सेवारत शिक्षकों के लिए टीईटी की अनिवार्यता से छूट दिए जाने की मांग को लेकर देशभर के 22 राज्यों के करीब एक लाख से अधिक शिक्षकों ने सोमवार को दिल्ली के जंतर मंतर पर ऐतिहासिक प्रदर्शन किया।
28 शिक्षक संगठनों द्वारा संयुक्त रूप से गठित अखिल भारतीय शिक्षक संघर्ष मोर्चा के बैनर तले शिक्षकों ने सरकार को स्पष्ट रूप से चेतावनी दी कि संसद के शीतकालीन सत्र में सेवारत शिक्षकों
शीतकालीन सत्र के बीच संसद के घेराव का ऐलान
22 राज्यों के करीब एक लाख शिक्षक साथ आए
को टीईटी से मुक्त किए जाने संबंधी संशोधित अध्यादेश पारित नहीं किया जाता है तो देशभर के लाखों अध्यापक संसद का घेराव करेंगे।
कई संगठन एक साथ जुटेः धरना प्रदर्शन में अखिल भारतीय शिक्षक संघर्ष मोर्चा के राष्ट्रीय संयोजक बासवराज गुरिकर, सह संयोजक एवं यूनाइटेड टीचर्स एसोसिएशन (यूटा) के प्रदेश अध्यक्ष राजेन्द्र सिंह राठौर,
प्राथमिक शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष विनय तिवारी, महामंत्री उमाशंकर सिंह, जूनियर हाईस्कूल शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष योगेश त्यागी, विशिष्ट बीटीसी शिक्षक एसोसिएशन के विनय तिवारी, शिक्षक वेलफेयर एसोसिएशन के अनिल यादव, यादवेन्द्र शर्मा, अभय पांडेय, के.के. शर्मा, पीयूष कटियार, रविप्रकाश सिंह, अंकित राय, प्रकाशनाथ त्रिपाठी, हेमंत तिवारी, पंकज यादव, संतोष यादव, धर्मेंद्र चाहर व निधि वर्मा आदि ने शिक्षकों को संबोधित कर शिक्षकों की आवाज को बुलन्द किया। धरना प्रदर्शन कार्यक्रम का संचालन संजय मिश्रा ने किया।


