28 December 2025

भर्ती संस्थाओं के प्रति बढ़ा आक्रोश, प्रतियोगियों ने आंदोलन तेज करने की बनाई रणनीति


प्रयागराज।

भर्ती प्रक्रियाओं में देरी और अनियमितताओं को लेकर प्रतियोगियों का आक्रोश एक बार फिर खुलकर सामने आ गया है। अलग-अलग भर्ती संस्थाओं से जुड़ी मांगों को लेकर प्रतियोगी लगातार आंदोलनरत हैं और अब बड़े आंदोलन की तैयारी में जुट गए हैं। विधानसभा चुनाव से पहले प्रतियोगियों की यह नाराजगी राजनीतिक गलियारों में भी चर्चा का विषय बनती जा रही है।




प्रतियोगियों का कहना है कि उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग और उत्तर प्रदेश शिक्षा सेवा चयन आयोग सहित अन्य भर्ती संस्थाओं द्वारा समय पर नियुक्तियां नहीं की जा रही हैं। इससे हजारों युवाओं का भविष्य अधर में लटक गया है। प्रयागराज में प्रतियोगियों ने आयोगों के खिलाफ प्रदर्शन करते हुए आरोप लगाया कि भर्ती परीक्षाओं में पारदर्शिता का अभाव है और बार-बार नियम बदले जा रहे हैं।


प्रतियोगियों के संगठनों का कहना है कि यूपीपीएससी के खिलाफ बड़े स्तर पर ‘इंकार आंदोलन’ की तैयारी की जा रही है। संशोधित उत्तर कुंजी, प्रारंभिक और मुख्य परीक्षाओं के प्रश्नपत्रों से जुड़ी आपत्तियों को लेकर छात्र संगठन लंबे समय से आंदोलन कर रहे हैं। अब इन मांगों को लेकर आंदोलन को और व्यापक रूप देने की योजना बनाई जा रही है।


दूसरी ओर, उत्तर प्रदेश शिक्षा सेवा चयन आयोग को लेकर भी प्रतियोगियों में भारी नाराजगी है। आरोप है कि आयोग दो वर्षों में कोई ठोस भर्ती प्रक्रिया पूरी नहीं कर सका। टीजीटी और पीजीटी पदों के लिए आवेदन तो लिए गए, लेकिन परीक्षा प्रक्रिया बार-बार टलती रही। अभ्यर्थियों का कहना है कि प्रोफेसर भर्ती परीक्षा का परिणाम जारी नहीं किया गया और परीक्षा नियंत्रक को हटाने की मांग भी उठाई जा रही है।


इतना ही नहीं, प्रतियोगियों का एक वर्ग अब अधीनस्थ सेवा चयन आयोग के खिलाफ भी आंदोलन के लिए मैदान में उतर चुका है। आयोग पर लापरवाही से भर्ती घोषणाएं करने और आरक्षण नियमों के पालन में गड़बड़ी के आरोप लगाए गए हैं। इस संबंध में प्रतियोगियों ने ज्ञापन सौंपकर जल्द समाधान की मांग की है।


प्रतियोगी संगठनों का कहना है कि यदि समय रहते उनकी मांगों पर ठोस निर्णय नहीं लिया गया, तो आंदोलन को और तेज किया जाएगा। उनका साफ कहना है कि भर्ती प्रक्रियाओं में पारदर्शिता, समयबद्ध नियुक्ति और नियमों का कड़ाई से पालन ही उनकी मुख्य मांग है।