पूरे *बेसिक शिक्षा विभाग* में ऊथल-पुथल रही इस वर्ष ।
1. मर्जर के नाम पर
2. ऑनलाइन अटेंडेंस के नाम पर
3. अवैध और अनियमित समायोजन के नाम पर
4. फिर टेट का निर्णय जो सर्वाधिक घातक है
5. SIR के काम में अधिकतर शिक्षक व्यस्त और पीड़ित रहे
6. अब पुनः समायोजन
7. नए B.ed शिक्षकों का ब्रिज कोर्स
बाकी *वेतन काटना* और लगना ये तो नियमति चलने वाली प्रक्रिया है न कि कोई मुद्दा ।
लेकिन पिछले *दो समायोजन* से अनेक शिक्षकों को मन चाहे विद्यालय मिले वहीं *UPS* के पद भर दिए गए जबकि *PS* में हेड के पद खत्म कर दिए ।
अनेक विद्यालय एकल कर दिए अब जिसके नाम पर फिर *समायोजन* करने जा रही जिसकी कोई *नीति* तक *स्पष्ट* न है ।
*समायोजन* से ही *एकल* कर दिए अब उन्हें *समायोजन* से ही दो या तीन किया जाएगा । क्या नीति है ।
सब अस्पष्ट ।
जबकि कार्य *नई भर्ती* और वास्तविक *पदोन्नति* से ही संभव है सही से ।
खैर अभी इन सबके बीच *निपुण आकलन* भी होना है ।
