28 December 2025

टीजीटी, पीजीटी और प्रधानाचार्य के रिक्त पदों का शिक्षा निदेशालय कर रहा परीक्षण, ई-अधियाचन से पहले हो रही जांच

प्रयागराज।

उत्तर प्रदेश में टीजीटी, पीजीटी और प्रधानाचार्य समेत विभिन्न शिक्षकीय पदों की भर्ती प्रक्रिया को आगे बढ़ाने से पहले शिक्षा निदेशालय द्वारा रिक्त पदों का गहन परीक्षण किया जा रहा है। उत्तर प्रदेश शिक्षा सेवा चयन आयोग में अध्यक्ष पद पर पूर्व पुलिस महानिदेशक डॉ. प्रशांत कुमार के कार्यभार संभालने के बाद यह प्रक्रिया तेज हुई है।


जानकारी के अनुसार, शिक्षा निदेशालय ई-अधियाचन भेजने से पहले रिक्त पदों से जुड़े सभी आंकड़ों को दुरुस्त कर रहा है। इससे पूर्व आयोग की बैठक में लिए गए निर्णय के क्रम में माध्यमिक शिक्षा विभाग ने जिला विद्यालय निरीक्षकों (डीआईओएस) और मंडलीय संयुक्त शिक्षा निदेशकों (जेडी) के माध्यम से प्रशिक्षित स्नातक शिक्षक (टीजीटी), प्रवक्ता संवर्ग (पीजीटी), प्रधानाचार्य, प्रधानाध्यापक और सहायक अध्यापक (संविलियन/संबद्ध) जैसे पदों का विवरण पहले ही एकत्र कर लिया था।

ई-अधियाचन भेजने को लेकर आयोग और शिक्षा निदेशालय ने संयुक्त रूप से तैयार किए गए ई-अधियाचन पोर्टल का परीक्षण भी कर लिया है। इस दौरान सामने आई विसंगतियों के कारण आयोग और निदेशालय ने अलग-अलग एनआईसी (NIC) को अवगत कराया, ताकि तकनीकी कमियों को दूर किया जा सके। जहां पोर्टल के अंतिम स्वरूप में एनआईसी जुटी है, वहीं शिक्षा निदेशालय रिक्त पदों का परीक्षण कर अधियाचन तैयार करने में लगा हुआ है।

कुछ जनपदों द्वारा रिक्त पदों की जानकारी उपलब्ध कराने में निर्धारित प्रारूप का पालन नहीं किया गया है। ऐसे मामलों को शिक्षा निदेशालय ठीक कर मानक के अनुसार अधियाचन तैयार करेगा, ताकि पोर्टल सक्रिय होते ही ई-अधियाचन आयोग को भेजा जा सके।

आयोग के अध्यक्ष ने पहली बैठक में स्पष्ट किया था कि टीजीटी-पीजीटी और असिस्टेंट प्रोफेसर की पुरानी भर्तियों को पहले पूर्ण किया जाएगा। इसके बाद लंबित बैकलॉग को समाप्त करने की दिशा में कार्रवाई की जाएगी। विभागीय अधिकारियों का कहना है कि सभी प्रक्रियाएं पूरी होते ही भर्ती से जुड़ी आगे की कार्यवाही शुरू की जाएगी।