लखनऊ। अखिल भारतीय प्राथमिक शिक्षक संघ ने केंद्र और प्रदेश सरकार से शिक्षकों को नए साल में शिक्षक पात्रता परीक्षा (टीईटी) की अनिवार्यता से राहत देने की मांग की है। संघ का कहना है कि पिछले चार महीनों से देश और प्रदेश भर के शिक्षक टीईटी अनिवार्यता के खिलाफ आंदोलन कर रहे हैं, लेकिन अब तक इस संबंध में कोई आदेश जारी नहीं किया गया है। शिक्षकों को उम्मीद है कि नए वर्ष में सरकार इस पर सकारात्मक निर्णय लेगी।
संघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष सुशील कुमार पांडेय ने बताया कि शिक्षकों ने ज्ञापन सौंपने, हस्ताक्षर अभियान चलाने, सांसदों और विधायकों के माध्यम से प्रधानमंत्री के नाम ज्ञापन भेजने जैसे कई प्रयास किए हैं। इसके अलावा शिक्षक दिल्ली कूच कर चुके हैं और इस मुद्दे पर शिक्षा मंत्री
से भी मिलकर टीईटी से छूट की मांग रखी गई है।
उन्होंने कहा कि शिक्षक न केवल शिक्षण कार्य कर रहे हैं, बल्कि दो महीनों से विशेष गहन पुनरीक्षण अभियान में भी सक्रिय रूप से लगे हुए हैं। साथ ही सरकार की विभिन्न योजनाओं को धरातल पर उतारने में भी शिक्षकों की अहम भूमिका है। संघ ने कहा कि अब सरकार का दायित्व बनता है कि शिक्षकों के योगदान का सम्मान करते हुए नए वर्ष में टीईटी अनिवार्यता से छूट का आदेश जारी कर उनकी सेवा सुरक्षा सुनिश्चित करे। वहीं, शीतलहर को देखते हुए बच्चों के स्वास्थ्य की चिंता करते हुए मुख्यमंत्री द्वारा एक जनवरी तक विद्यालय बंद रखने के निर्णय का संघ ने स्वागत किया है।

