लखनऊ। देश में प्रस्तावित अगली जनगणना को लेकर केंद्र सरकार ने बड़ा फैसला लिया है। जनगणना कार्य में लगे प्रगणकों और सुपरवाइजरों को इस बार पहले की तुलना में कई गुना अधिक मानदेय दिया जाएगा। यह निर्णय लंबे समय से जनगणना कर्मचारियों की मांग को देखते हुए लिया गया है।
सरकारी दिशा-निर्देशों के अनुसार, जनगणना का कार्य दो चरणों में पूरा किया जाएगा और मानदेय का भुगतान भी चरणबद्ध तरीके से होगा। प्रगणकों को कुल मिलाकर लगभग 25 हजार रुपये तक जबकि सुपरवाइजरों को करीब 30 हजार रुपये मानदेय मिलेगा।
इस बार जनगणना पूरी तरह डिजिटल होगी। घर-घर जाकर जानकारी जुटाने के लिए कर्मचारियों को मोबाइल एप और डिजिटल उपकरणों का उपयोग करना होगा। इसके लिए विशेष प्रशिक्षण की व्यवस्था की गई है, ताकि डेटा संग्रह में किसी प्रकार की त्रुटि न हो।
प्रशिक्षण अवधि के दौरान मिलने वाले भत्ते में भी उल्लेखनीय वृद्धि की गई है। पहले जहां यह राशि बेहद कम थी, अब इसे बढ़ाकर प्रतिदिन सैकड़ों रुपये कर दिया गया है। इससे कर्मचारियों को प्रशिक्षण के दौरान आर्थिक राहत मिलेगी।
राज्य, जिला और तहसील स्तर के अधिकारियों के मानदेय में भी बढ़ोतरी की गई है। साथ ही यात्रा भत्ता, वाहन किराया और ईंधन खर्च का भुगतान अलग से किए जाने का प्रावधान रखा गया है।
सरकार का मानना है कि बेहतर मानदेय और सुविधाओं से जनगणना कार्य की गुणवत्ता में सुधार होगा और समयबद्ध तरीके से यह राष्ट्रीय महत्व का कार्य पूरा किया जा सकेगा।

