महराजगंज। परिषदीय शिक्षकों की ऑनलाइन उपस्थिति का शासनादेश एक बार फिर जारी किया गया है। इसे नए शिक्षा सत्र से प्रभावी करने में विभाग जुट गया है। शिक्षक संगठनों ने इस पर गतिरोध न करते हुए सहूलियत बढ़वाने की रूपरेखा तैयार की है। आने वाले समय में वह अपनी कुछ मांग इस प्रक्रिया की स्वीकृति के एवज में पूरा कराने की तैयारी में है।
परिषदीय स्कूल के शिक्षकों की ऑनलाइन उपस्थिति के लिए पिछले वर्ष शासन ने पहल की। लेकिन शैक्षिक संगठनों के विरोध प्रदर्शनों के बीच इसे रोक दिया गया। इस वर्ष कोर्ट के निर्देश पर उपस्थिति के लिए एक घंटा अतिरिक्त समय जैसे बदलाव के जरिये प्रभावी करने का शासनादेश जारी किया गया। ऑनलाइन हाजिरी की खिलाफत में अग्रणी रहे उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ ने इस शासनादेश को स्वीकारने की रूपरेखा तय की है। लेकिन ऑनलाइन हाजिरी के बदले मूल कार्यों से इतर कार्य न लिए जाने की मांग मनवाने की तैयारी में है।
ऑनलाइन उपस्थिति का प्रावधान हम स्वीकार करते हैं। लेकिन इसके एवज में गारंटी चाहिए कि शैक्षणिक से इतर अन्य किसी भी कार्य की जिम्मेदारी नहीं दी जाएगी। शिक्षक बच्चों को पढ़ाने के लिए हैं न की निर्वाचन व अन्य गतिविधि के लिए। अतिरिक्त जिम्मेदारी से मूल दायित्व में शिक्षक पीछे रह जाते हैं और नुकसान होता है। इसलिए हम उक्त के लिए मांग पत्र शीघ्र विभाग को सौंपेंगे।
-अखिलेश पाठक, संगठन मंत्री, उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ, महराजगंज।
परिषदीय शिक्षकों की ऑनलाइन उपस्थिति का शासनादेश जारी हुआ है। प्राप्त निर्देश के क्रम में इसे प्रभावी किया जाएगा। शिक्षक संगठन मांग पत्र इत्यादि देंगे तो उसे भी शासन के संज्ञान में विभाग लाएगा।
-रिद्धि पांडेय, बीएसए।

