लखनऊ, । प्राइमरी स्कूलों में चल रही अर्द्धवार्षिक परीक्षा के प्रश्न पत्र में इस बार भी गलत सवाल पूछे गए। गणित विषय में कक्षा सात में दो व आठ में एक सवाल गलत पूछा गया। छात्रों ने गलत सवाल पकड़े जाने की जानकारी शिक्षकों को दी। शिक्षकों ने तीनों सवाल गलत पाए गए। शिक्षकों ने बच्चों से कहा कि गलत सवाल को छोड़ दें। मूल्यांकन करने समय इस गलत सवाल के अंक सभी बच्चों को दिये जाएंगे। शिक्षकों ने गलत सवाल पर आपत्ति जतायी। प्रश्न पत्र की जांच करने वाली कमेटी पर लापरवाही का आरोप लगाया है। बीएसए विपिन कुमार से इस सम्बंध में बात करने की कोशिशि की गई, लेकिन उन्होंने फोन नहीं उठाया। व्हाट्सऐप पर भी जानकारी दी गई, जवाब नहीं मिला।
गणित विषय की परीक्षा शनिवार को थी। गोसाईगंज के एक अपर प्राइमरी स्कूल में परीक्षा दे रहे सातवीं के छात्र ने गणित के प्रश्न पत्र में दिये बहुविकल्पीय सवाल हल करते समय दो गलत सवाल पकड़े। इस छात्र ने सहपाठी से दोनों सवाल पूछे, तो सभी ने इसे गलत बताया। शिक्षकों ने भी हामी भरी।
कक्षा सात में गणित के प्रश्न पत्र में बहुविकल्पीय सवाल संख्या-ज में चार किलो चाय का मूल्य 420 रुपया है। 12 किलो का मूल्य होगा..। इसके सवाल में 1000, 760, 1160 और रुपये 1360 के विकल्प दिये गए हैं। जबकि सही जवाब 1260 होगा। जो विकल्प नहीं दिया गया है।
कक्षा आठ में दीर्घ उत्तरीय प्रश्न के दूसरा सवाल- यदि किसी चतुर्भज के दो कोण 600 तथा 1200 के हों तथा शेष दोनों कोण समान हैं, तो उसके मान ज्ञात कीजिये। किसी भी चतुर्भुज के सभी चारों आंतरिक कोणों का योग 360 डिग्री होता है। लिहाजा प्रश्न पत्र में दिये गए दो कोण के मान 600 और 1200 हो नहीं सकते हैं।
कक्षा सात में ही बहुविकल्पीय सवाल घ में समकोण त्रिभुज में 90 डिग्री के कोण के सामने वाली भुजा कहलाती है। इसमें विकल्प लम्ब, आधार, विकर्ण व जीवा दिया है। जबकि सवाल का सही जवाब कर्ण होगा। जो विकल्प में नहीं दिया है।
बिना जांचे भेज दिए गए प्रश्न पत्र
शिक्षकों का कहना है कि प्रश्न पत्र बनाने से लेकर छपने के बाद इनके जांच के लिए कमेटी है। छपने के पहले व बाद में प्रश्न पत्रों की जांच करने का नियम है, लेकिन अधिकारी प्रश्न पत्रों की जांच किये बिना ही स्कूलों को भेज देते हैं। यही वजह है कि हर बार परीक्षा में प्रश्न पत्र में कुछ न कुछ गलतियां जरूर होती हैं। शिकायत के बावजूद अधिकारी सुधार के प्रयास नहीं करते हैं।

