12 December 2025

ऐसे लगेगी अटेंडेंस: ऑनलाइन हाजिरी के लिए शासनादेश जारी, बेसिक शिक्षा विभाग बनाएगा नया डिजिटल प्लेटफॉर्म

ऑनलाइन हाजिरी के लिए शासनादेश जारी, बेसिक शिक्षा विभाग बनाएगा नया डिजिटल प्लेटफॉर्म

प्रदेश के परिषदीय विद्यालयों में शिक्षकों की उपस्थिति अब डिजिटल माध्यम से दर्ज की जाएगी। इस व्यवस्था को लागू करने के लिए शासन ने आधिकारिक आदेश जारी कर दिया है। बेसिक शिक्षा विभाग एक नया ऑनलाइन प्लेटफॉर्म विकसित करेगा, जिसके जरिए सभी शिक्षक, शिक्षामित्र, अनुदेशक और शिक्षणेत्तर कर्मचारी अपनी हाजिरी दर्ज करेंगे। यह प्रणाली माध्यमिक शिक्षा विभाग के सहयोग से तैयार की जाएगी, क्योंकि वहां पहले से ही ऑनलाइन उपस्थिति व्यवस्था चल रही है।



तकनीकी समिति बनेगी, नए प्लेटफॉर्म का ब्लूप्रिंट तैयार होगा

बेसिक शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव पार्थ सारथी सेन शर्मा ने निर्देश दिया है कि इस पूरी प्रक्रिया के लिए महानिदेशक स्कूल शिक्षा की अध्यक्षता में एक तकनीकी समिति गठित की जाएगी।

यह समिति माध्यमिक शिक्षा विभाग के मॉडल को आधार बनाकर बेसिक विभाग के लिए उपयुक्त डिजिटल प्लेटफॉर्म विकसित करवाएगी। माध्यमिक विद्यालयों में पहले बायोमीट्रिक प्रणाली लागू की गई थी, पर उसमें अपेक्षित सफलता नहीं मिली। बाद में प्रधानाचार्यों को यूपीएमएसपी की साइट पर शिक्षकों की उपस्थिति अप्रूव करने की जिम्मेदारी दी गई।
बेसिक विभाग में भी इसी तरह प्रधानाध्यापक ऑनलाइन उपस्थिति को स्वीकृति देंगे।

इस व्यवस्था में—

  • शिक्षक

  • शिक्षामित्र

  • अनुदेशक

  • शिक्षणेत्तर कर्मचारी
    सभी शामिल होंगे।


2026 में लागू होने की संभावना, शिक्षक संगठनों की आपत्ति जारी

विभाग का अनुमान है कि डिजिटल उपस्थिति व्यवस्था को पूरी तरह लागू होने में अभी कुछ समय लगेगा और यह नए साल 2026 से शुरू हो सकती है।

हालांकि कई शिक्षक संगठन इस निर्णय से सहमत नहीं हैं। उनका कहना है कि जब तक विभाग उनकी लंबित मांगों को नहीं मानता, तब तक इस नई व्यवस्था को लागू करना उचित नहीं होगा। संगठनों का आरोप है कि विभाग वादाखिलाफी कर रहा है और शिक्षकों की वास्तविक समस्याओं को नज़रअंदाज कर रहा है।


शिक्षकों की प्रमुख मांगें (जिन पर समाधान की अपेक्षा)

  • शिक्षकों को ईएल और सीएल अवकाश की सुविधा दी जाए

  • आधे दिन के अवकाश की व्यवस्था लागू की जाए

  • शिक्षकों को मेडिकल सुविधा प्रदान की जाए

  • समूह बीमा योजना लागू की जाए

  • शिक्षकों की गृह जनपद में तैनाती सुनिश्चित की जाए

  • चयन वेतनमान की स्वीकृति दी जाए

  • शिक्षकों को गैर–शैक्षिक कार्यों से मुक्त किया जाए