कनिष्ठ के लिए समायोजन के आदेश निकाल रहे हैं जबकि एकल पीठ से कनिष्ठ का समायोजन रद्द किया जा चुका है ।
ये एक प्रकार से एकल पीठ के आदेश की अवेल्हना होगी उसमे अपील में जरूर गए हैं लेकिन उसका delay condoned ही इनसे नहीं सम्भलेगा तो उस अपील के कोई मायने नहीं हैं ।
दूसरी बात ये कि कनिष्ठ हमेशा कनिष्ठ ही रहेगा क्योंकि मैं कितनी मर्तबा आपको कहा कि समायोजन कोढ़ है इसको ख़त्म करना नितांत आवश्यक है , ठीक उसी प्रकार जैसे मर्ज़र करने की इनकी इच्छा थी । कनिष्ठ जिले में कनिष्ठ ही रहेगा ऐसे तो ।
इन्हें PTR सुधारना है तो भर्ती करें नाकि शिक्षकों को परेशान ।
कोई कितने समय बाद ट्रांसफर लेकर settle हुआ , कोई कैसे कोई कैसे , यहाँ तक कि जो इनके हाल ही में हुए समायोजन में आए हैं वहीं सुरक्षित कहाँ हैं ?
विभाग का इन्होंने हलवा बना दिया है इनकी नियमावली अधिकतर vires है पर अधिकारियों की हठधर्मिता केवल शिक्षकों को परेशान करने हेतु है जबकि मूल समस्या पर विभाग ध्यान नहीं देना चाहता है ।
खैर ये पैंतरा भी इनका शायद ही चल पाये फिलहाल तो जिलेवार आदेश निकालकर ये आदेशों की अवेल्हना कर ही रहे है बाक़ी proceed करेंगे तो न्यायोचित ढंग से जवाब दिया जाएगा ।
#rana

