आधार से लिंक नहीं थे खाते, फंसा हजारों नौनिहालों की ड्रेस का पैसा

बाराबंकी। बेसिक शिक्षा विभाग के परिषदीय विद्यालयों में 46 हजार नौनिहालों के लिए बैग, ड्रेस, स्वेटर व जूता-मोजा खरीदने का पैसा अभिभावकों के खाते आधार से लिंक न होने के कारण अटक गया है। जबकि 1.54 लाख अभिभावकों के खाते में यह रकम भेज दी गई है। इसमें कई अभिभावक ऐसे भी हैं जिनके कई बच्चों के ड्रेस का पैैसा भेजा गया है। हालांकि करीब तीन लाख अन्य नौनिहालों के जुटाए गए ब्योरे की जांच न होने से अभी तक राशि नहीं भेजी जा सकी है।


जिले में बेसिक शिक्षा के 1920 प्राथमिक, 475 पूर्व माध्यमिक व 369 कंपोजिट विद्यालय हैं। इन 2636 विद्यालयों में चार लाख 80 हजार विद्यार्थी पंजीकृत हैं। बच्चों को बैग, ड्रेस, स्वेटर व जूता-मोजा सरकार मुफ्त देती थी। मगर, उसकी गुणवत्ता, कमीशनखोरी व वितरण को लेकर उठने वाले सवालों को लेकर इस बार सरकार ने नौनिहालों को मिलने वाले दो सेट ड्रेस के लिए छह सौ रुपये, स्वेटर व जूता-मोजा को दो-दो सौ रुपये तथा बैग के लिए सौ रुपये के हिसाब से 11 सौ रुपये की राशि सीधे अभिभावकों के खाते में भेजने की नई व्यवस्था लागू की।

जिससे अभिभावक स्वयं बेहतर क्वालिटी के बैग, ड्रेस, स्वेटर व जूता मोजा की खरीद कर सके। मगर, विभागीय हीलाहवाली के चलते स्कूल खुले दो माह से अधिक का समय गुजर गया। अभी तक विद्यार्थियों की डाटा फीडिंग का काम पूरा नहीं हो सका।
ऐसे में दो लाख 14 हजार 410 बच्चों की डाटा फीडिंग की जांच कर शासन ने 23 करोड़ 58 लाख 51 हजार रुपये की राशि बेसिक शिक्षा विभाग को उपलब्ध करा दी है। मगर, अभिभावकों के खाते के ब्यौरा 42 फाइलों में भेजा गया था। जिसमें से दो मिसमैच होने के कारण जहां बीएसए कार्यालय लौटा दी गई।
वहीं 20 फाइलों में शामिल करीब दो लाख अभिभावकों में ो 46 हजार के खाते आधार से लिंक न होने के कारण ड्रेस की राशि अटक गई। जबकि एक लाख 54 हजार के खाते में यह राशि भेज दी गई है। मगर, बाकी बचे करीब तीन लाख नौनिहालों का ब्योरे अभी तक लेखाधिकारी बेसिक शिक्षा के यहां नहीं पहुंचा है। ऐसे में उनके खातों में यह राशि नहीं भेजी जा सकी।
बीएसए कार्यालय से जिन नौनिहालों का ब्योरा उपलब्ध कराया गया था। उसमें से करीब एक लाख 54 हजार अभिभावकों के खाते में ड्रेस की राशि भेज दी गई है। जबकि करीब 46 हजार अभिभावकों के खाते आधार से लिंक न होने पर उनकी राशि अटक गई है। खाते आधार से लिंक होने पर उनके खाते में दोबारा राशि भेजी जाएगी।
-दिलीप कुमार सिंह, लेखाधिकारी बेसिक शिक्षा