नए बैच के प्रशासनिक अधिकारियों में तेजी से पैसा कमाने की आदत: योगी

लखनऊ : मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बिना लाग लपेट के कहा कि प्रशासनिक पदों पर चयनित होकर आ रहे नए बैच के अफसरों में तेजी से पैसा कमाने की आदत है। वहीं अधिकारियों में निर्णय लेने की क्षमता का अभाव है। वे काम को टालने और दूसरों पर जिम्मेदारी डालने के आदी हैं। उन्हें सीखना होगा कि वे कैसे निर्णय लेने की क्षमता विकसित करें। उन्होंने क्षमता निर्माण आयोग का ध्यान प्रशासनिक अफसरों की इन कमजोरियों की ओर आकृष्ट कराते हुए कहा कि वह अधिकारियों को इन प्रवृत्तियों से छुटकारा दिलाने के उपाय करे।


गुरुवार को बैंकर्स इंस्टीट्यूट आफ रूरल डेवलपमेंट में ‘लोक प्रशासन के राज्य संस्थानों का सुदृढ़ीकरण’ विषय पर शुरू हुए दो दिवसीय क्षेत्रीय सम्मेलन का उद्घाटन करने के बाद योगी ने कहा, ‘किसी नए अधिकारी को दंडित करना मुङो अच्छा नहीं लगता। फील्ड में भेजने से पहले उन्हें सामने बैठाकर समझाता हूं कि पिछला रिकार्ड सामने हैं। अच्छा करोगे तो आगे बढ़ोगे और गड़बड़ करोगे तो आठ-दस वर्षों में लुढ़कते हुए वहां पहुंचोगे जहां आगे के रास्ते बंद हो जाते हैं।’ उन्होंने कहा कि समीक्षा में अक्सर अधिकारियों के निर्णय न लेने व टालमटोल व जिम्मेदारी दूसरों पर थोपने के चलते देरी की बात सामने आती है।

योगी ने कहा कि शासन स्तर पर लागू होने वाले प्रशासनिक सुधारों का बड़ा हिस्सा अधिकारियों की चयन प्रक्रिया और उनके प्रशिक्षण से जुड़ा है। शुचितापूर्ण और पारदर्शी चयन प्रक्रिया के लिए सरकार की नीयत साफ होनी चाहिए और हमने ऐसा ही किया। हम लाखों नौकरियां देने में कामयाब रहे। चयन के बाद अधिकारियों को क्या और कैसे करना है, यह प्रशिक्षण का हिस्सा होना चाहिए।

वर्ष 2017 से पहले उप्र में प्रशासनिक अधिकारी ताश के पत्तों की तरह फेंटे जाते थे। हमने अधिकारियों को परफार्म करने का मौका दिया। जिसने अच्छा किया, उसे प्रोत्साहित किया, जिसने गड़बड़ की, उसे दंड देने में कोताही नहीं की। इससे पहले क्षमता निर्माण आयोग के अध्यक्ष आदिल जैनुलभाई ने कहा कि आयोग के गठन का उद्देश्य लोक सेवाओं और सेवकों को जनता के प्रति अधिक जिम्मेदार व जवाबदेह बनाना है। उन्होंने कहा कि देश में 30 लाख केंद्रीय लोक सेवक हैं जबकि कुल दो करोड़ लोक सेवक हैं। देश में केंद्र सरकार के 700 से ज्यादा, राज्यों के लगभग 200 और केंद्रीय सार्वजनिक के 50 प्रशिक्षण संसथान हैं। इन प्रशिक्षण संस्थानों को लोक सेवकों की क्षमता बढ़ाने के लिए ट्रेनिंग देना आयोग के सामने बड़ी चुनौती है। संबंधित सामग्री 13

लखनऊ में गुरुवार को लोक प्रशासन पर आयोजित बैठक में केंद्रीय राज्यमंत्री जितेंद्र सिंह को चांदी का सिक्का और माला देते मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ। योगी ने उन्हें बताया कि यह तब का प्रसाद है जब प्रधानमंत्री ने रामजन्मभूमि पर मंदिर का नींव पूजन किया था ’ हृदेश चंदेल

’>>लोक प्रशासन पर आयोजित बैठक में मुख्यमंत्री ने सुनाई खरी-खरी

’>>इन दोनों कमजोरियों को दूर करने के उपाय किए जाएं

अंतर विभागीय समन्वय और टीमवर्क जरूरी
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मुख्यमंत्री ने कहा कि अंतर विभागीय समन्वय और टीमवर्क के कारण पूर्वी उप्र के जिलों में जापानी इंसेफेलाइटिस से पार पाने में कामयाबी मिली। कुंभ मेला जैसा वैश्विक आयोजन और कोरोना प्रबंधन भी इसी के सफल उदाहरण हैं।