नई दिल्ली: उच्च शिक्षा के दायरे को विस्तार देने और उसे देश के अंतिम छोर पर बैठे छात्र की भी पहुंच में लाने में जुटी सरकार ने फिलहाल आनलाइन और ओपन एजुकेशन से जुड़े रेगुलेशन में बड़े बदलाव का मसौदा तैयार किया है। इससे देश में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा देने वाले सभी उच्च शिक्षण संस्थान अब आनलाइन और ओपन एजुकेशन दे सकेंगे। वहीं प्रस्तावित डिजिटल यूनिवर्सिटी के गठन की भी राह आसान होगी।
विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) की इस पहल को राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) की उस सिफारिश से भी जोड़कर देखा जा रहा है, जिसके तहत देश में वर्ष 2035 तक उच्च शिक्षा के सकल नामांकन दर (जीईआर) को 50 प्रतिशत तक पहुंचाने का लक्ष्य रखा गया है। मौजूदा समय में देश में उच्च शिक्षा का जीईआर करीब 27 प्रतिशत है। यानी अगले 13 वर्षो में इसे करीब दोगुना करना है। यूजीसी ने फिलहाल आनलाइन और ओपन एजुकेशन से जुड़े रेगुलेशन में बदलाव के मसौदे को लेकर उच्च शिक्षण संस्थानों से राय मांगी है। कोई भी संस्थान या शिक्षाविद 15 मार्च तक आनलाइन अपना सुझाव दे सकता है।
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