अच्छी खबर: बुजुर्ग निरक्षरों को साक्षर बनाएंगे परिषदीय बच्चे, बेसिक स्कूलों में अंकित होगा पढ़ाने वाले छात्र का नाम


गोरखपुर,। देवरिया जिले में परिषदीय विद्यालयों में पढ़ने वाले बच्चे अब गांव के बुजुर्ग निरक्षरों को साक्षर बनाएंगे। शिक्षक इसे अमलीजामा पहनाने के लिए गांव के बुजुर्ग निरक्षरों को चिन्हित करेंगे। उनकी जानकारी बच्चों को दी जाएगी। बच्चे उन्हें साक्षर करेंगे। इससे जहां साक्षरता की अलख जगेगी, वहीं बच्चों में आत्मविश्वास बढ़ेगा। हालांकि इसकी शुरूआत तो ऐसे अक्टूबर 2019 में ही हुई थी, लेकिन कोरोना संक्रमण के चलते विभाग की मंशा पूरी नहीं हो सकी। अब इस पर विभाग ने जोर देना शुरू कर दिया है।


बुजुर्ग निरक्षरों को साक्षर बनाने की खास योजना

शिक्षा विभाग ने दो दशक पूर्व साक्षरता मिशन के तहत गांव- देहात में प्रेरकों की तैनाती की थी। यह प्रेरक प्रौढ़ निरक्षरों को चिन्हित कर उन्हें साक्षर बनाने का काम करते थे। ब्लैक बोर्ड, चाक-खड़िया, चार्ट के माध्यम से उन्हें साक्षर बनाकर परीक्षा ली जाती थी। वहीं प्रौढ़ निरक्षरों को कापी, पेंसिल, स्लेट, लकड़ी की तख्ती आदि सामान विभाग उपलब्ध कराता था। लेकिन इस व्यवस्था पर विराम लग गया। एक बार फिर शासन ने बुजुर्ग निरक्षरों को साक्षर बनाने की खास योजना बनाई है। पूर्व माध्यमिक विद्यालयों में कक्षा छह से आठ तक अध्ययनरत छात्रों से बुजुर्गों को पढ़ाया जाएगा। इन विद्यालयों के शिक्षक छात्रों को शपथ भी दिलाएंगे। इस नई पहल से परिषदीय विद्यालयों के छात्र जिन बुजुर्ग निरक्षरों को साक्षर बनाएंगे, उनका नाम स्कूलों के बोर्ड पर अंकित होगा। इसका सत्यापन समय-समय पर विद्यालय के शिक्षक करेंगे। एक छात्र को एक ही बुजुर्ग को पढ़ाने की जिम्मेदारी दी जाएगी। बीएसए संतोष कुमार राय ने बताया कि यह पुराना आदेश है। कोरोना संक्रमण के चलते इस पर काम नहीं हो पाया। चुनाव के बाद इस पर जोर दिया जाएगा।

परिषदीय विद्यालय के 141632 छात्रों को नहीं मिला यूनिफार्म

सत्र समाप्त होने को है, देवरिया जिले के परिषदीय विद्यालयों में पढ़ने वाले 141632 छात्रों को यूनिफार्म का इंतजार है। ऐसे में इन छात्रों को यूनिफार्म व अन्य सामान कैसे मिलेगा? यह बड़ा सवाल है। हालांकि विभागीय अधिकारी 65 हजार छात्रों की डिटेल वेबसाइट पर अपलोड होने का दावा कर रहे हैं। साथ ही चुनाव संपन्न होने के बाद छात्रों के स्वजन के खाते में रुपया पहुंच जाने का दावा कर रहे हैं।

65 हजार छात्रों के डिटेल को वेबसाइट पर किया जा चुका है लोड

वर्ष 2021 में सरकार ने नियम में बदलाव किया और यूनिफार्म, जूता समेत अन्य सामानों की खरीदारी के लिए 1100 रुपये उनके अभिभावक के खाते में भेजने का निर्देश दे दिया है। अभी तक जिले के 145000 छात्रों के अभिभावक के खाते में यूनिफार्म व अन्य सामान की खरीदारी के लिए रुपया भेजा जा चुका है। जबकि 65 हजार छात्रों के के अभिभावक की पूरी डिटेल साइट पर अपलोड दिसंबर माह से ही किया गया है, लेकिन अभी तक उनका रुपया उनके खाते में नहीं गया है। जिले में 286632 छात्र हैं। अभिभावक के खाते में भेजे जाने वाले 1100 रुपये में से 300 रुपये में एक यूनिफार्म कुल दो यूनिफार्म छह सौ में बनवाना है। स्वेटर के लिए 200 रुपये, 125 रुपये में जूता-मोजा व 175 रुपये में स्कूल बैग की खरीदारी करनी है। बीएसए संतोष कुमार राय ने कहा कि उस समय तकनीकी दिक्कत होने के चलते छात्रों का डाटा अपलोड नहीं हो सका। अधिकांश छात्रों का डिटेल वेबसाइट पर अपलोड हो चुका है। जल्द ही छात्रों के स्वजन के खाते में रुपया पहुंच जाएगा।