इलाहाबाद हाईकोर्ट ने माध्यमिक शिक्षा निदेशक द्वारा महाराजगंज के अध्यापक गोविंद प्रसाद द्विवेदी की सेवा समाप्ति आदेश पर रोक लगा दी है। कोर्ट ने याची को कार्य करने देने और वेतन भुगतान का निर्देश भी दिया है। साथ ही राज्य सरकार व अन्य विपक्षियों से इस मामले में जवाब मांगा है।यह आदेश न्यायमूर्ति सिद्धार्थ ने गोविंद प्रसाद द्विवेदी की याचिका पर दिया है।
याचिका के अनुसार हाईकोर्ट ने वर्ष 2011 में विनोद कुमार उपाध्याय की याचिका पर सुनवाई करते हुए राष्ट्रीय पत्राचार संस्थान कानपुर की शिक्षा अलंकार डिग्री को अमान्य घोषित कर इस डिग्री के आधार पर नियुक्त सभी अध्यापकों को हटाने का निर्देश दिया था। इसी आदेश के आधार पर 22 वर्ष से कार्यरत याची की सेवा समाप्त कर दी गई। और शिक्षा निदेशक ने कारण नहीं बताया कि सेवा समाप्त करने में 11 साल क्यों लगे। याची का कहना है कि वह नियमित कर दिया गया है। उसे इंटरमीडिएट एक्ट की धारा 16ई (10)के तहत बर्खास्त किया गया है। जबकि आशा सक्सेना केस में पूर्ण पीठ ने अपने फैसले में कहा है कि उचित समयावधि में आदेश दिया जाना चाहिए। याची के मामले में शिक्षा निदेशक ने नहीं बताया कि समय रहते आदेश क्यों नहीं दिया।