यूपी के कई जिलों में तेज आंधी के साथ बारिश ने ढाया कहर, 21 लोगों की गई जान

उत्तर प्रदेश में पिछले पंद्रह दिनों से झुलसाने वाली गर्मी के बीच सोमवार को मौसम बदलने से लोगों को राहत तो मिली, लेकिन इस बीच कई जगह तेज आंधी और बारिश ने भी कहर ढाया। आंधी से कई जगह पेड़ और बिजली के खंभे उखड़ गए जिससे घंटों बिजली आपूर्ति बाधित रही। आंधी-पानी के दौरान प्रदेश में 21 लोगों की मौत हो जाने की खबर है। मौसम विभाग के अनुसार अभी 28 मई तक प्रदेश के विभिन्न स्थानों पर छिटपुट बारिश हो सकती है।



मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सोमवार को आंधी, बारिश व आकाशीय बिजली गिरने की घटनाओं से प्रभावित जिलों के जिलाधिकारियों को निर्देश दिए कि वह पीड़ित व्यक्तियों व परिवारों की तत्काल मदद करें और उन्हें राहत दिलाएं। इस कार्य में अगर लापरवाही हुई तो सख्त कार्रवाई की जाएगी।

सीएम योगी ने कहा कि दैवीय आपदा के दृष्टिगत जिलों में राहत कार्य प्रभावी रूप से कराए जाएं। आपदा में घायल लोगों के समुचित उपचार की व्यवस्था की जाए और सहायता राशि प्रदान की जाए। अगर इस कार्य के लिए अतिरिक्त धन की आवश्यकता है तो तत्काल शासन को अवगत कराएं। जल्द से जल्द आंधी व बारिश से हुई जनहानि, पशुहानि व फसल क्षति के संबंध में आकलन कराकर विस्तृत आख्या उपलब्ध कराएं।


यूपी में आंधी-पानी ने सोमवार दोपहर से पहले अपना भयावह असर दिखाया। लखनऊ में दिन में वाहनों को लाइट जलाकर चलना पड़ा। लखीमपुर खीरी के पसगंवा ब्लाक के चांदी गांव में बिजली गिरने से दो चचेरे भाई-बहन तारिक और रकीबा की मौत हो गई। तारिक 15 साल का और रकीबा नौ साल की थी।

अलीगढ़ में भी दो की मौत हुई। आंधी के साथ आई बारिश के बीच हुए हादसों ने अवध क्षेत्र में 17 लोगों की जान ले ली। अवध क्षेत्र में 17 मौतें होने की सूचना है जिनमें सीतापुर में चार, लखीमपुर में तीन, गोंडा में तीन, बाराबंकी व अमेठी में दो-दो और अंबेडकरनगर, सुलतानपुर व अमेठी में एक-एक व्यक्ति की मौत हो गई।


आंधी के दौरान मेरठ मेडिकल कालेज की बिजली आपूर्ति ठप होने से सुबह 11.30 बजे तक होने वाले करीब 30 आपरेशन टाल दिए गए। बिजनौर के नगीना क्षेत्र में कुछ देर के लिए ओलावृष्टि भी हुई। मुजफ्फरनगर में पानीपत-खटीमा मार्ग पर पेड़ गिरने से हाईवे पर कई किमी लंबा जाम लगा रहा। पीलीभीत टाइगर रिजर्व के रास्तों पर पानी भर जाने के कारण पर्यटन रोकना पड़ा। मुस्तफाबाद बुकिंग काउंटर पर पहुंचे सैलानियों को लौटा दिया गया।


आम को नुकसान : तेज आंधी में आम टूट कर गिरने से लखनू के मलिहाबाद व अन्य जिलों के बागवानों को भारी नुकसान हुआ है। आम का साइज बड़ा हो जाने से आंधी में काफी कच्चा आम टूटकर गिर गया। गिरे आम की कीमत दस फीसद ही रह गई।

मेंथा के लिए फायदेमंद, लौकी कद्दू को नुकसान : पद्मश्री किसान रामसरन वर्मा के मुताबिक मेंथा के लिए यह बारिश फायदेमंद है लेकिन लतावर्गीय लौकी, कद्दू, खीरा तरबूज, तरोई को बीस प्रतिशत का नुकसान हुआ। धान की अग्रिम रोपाई के लिए खेत तैयार करने का समय है। केले की फसल के लिए यह बारिश नुकसानदेह है।

धान की बेहन के लिए मौसम अनुकूल : कृषि वैज्ञानिक डा. अनिरुद्ध दुबे ने बताया कि जायद की फसल उड़द, मूंग, मक्का, सूरजमुखी का नुकसान नहीं है। इससे आम व जामुन की फसल को नुकसान पहुंचा है। उन्होंने कहा कि आम व जामुन के किसानों को चाहिए कि वे बागों में पेड़ों की सिंचाई करते रहे, ताकि आगे आंधी आने पर कम से कम फल टूटेंगे। धान की बेहन डालने के लिए मौसम अनुकूल हो गया है।


आभी जारी रहेगा बारिश का दौर : मौसम विभाग के पूर्वानुमान के अनुसार मंगलवार को 42 और बुधवार को 10 जिलों में यलो अलर्ट जारी किया गया है। इसके तहत अलग-अलग जिलों में 40 से 70 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से तेज हवा चल सकती है। इसके अलावा कई जिलों में गरज और चमक के साथ बारिश भी होगी। 28 मई तक प्रदेश के विभिन्न स्थानों पर छिटपुट बारिश हो सकती है।