उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा परिषद (यूपी बोर्ड) तकनीक के पथ पर तेजी से दौड़ने की तैयारी में है। राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (एनसीईआरटी) का पाठ्यक्रम लागू करने के बाद पहली बार बोर्ड परीक्षा में ओएमआर शीट के प्रयोग की भी तैयारी की गई है। छात्र - छात्राओं की ईमेल आइडी बनाने का काम पहले ही पूरा कराया जा चुका है। इन्हीं बदलावों के बीच कक्षा नौ से कक्षा 12 तक के करीब 1.10 करोड़ छात्र-छात्राओं और डेढ़ लाख से अधिक शिक्षकों की उपस्थिति पोर्टल पर लिए जाने की दिशा में तेजी से काम शुरू कर दिया गया है। सितंबर से यह व्यवस्था सभी शासकीय, अशासकीय एवं वित्त विहीन विद्यालयों में लागू करने की तैयारी है।
कोरोना महामारी के दौर में माध्यमिक शिक्षा परिषद ने तकनीकी दक्षता की ओर तेजी से कदम बढ़ाया। कक्षाओं में आनलाइन पढ़ाई की व्यवस्था कर शिक्षण कार्य कराया गया। लिखित व प्रायोगिक परीक्षा में शिक्षकों की आनलाइन ड्यूटी लगाई गई। परीक्षाओं की निगरानी सीसीटीवी से की गई। इसके अलावा वर्ष 2024 से हाईस्कूल और 2026 से इंटर की परीक्षा नए पैटर्न से कराने का लक्ष्य विभाग ने तय किया, लेकिन मुख्यमंत्री ने इस समय सीमा को कम कर दिया है, जिससे हाईस्कूल की परीक्षा अब वर्ष 2023 में नए पैटर्न पर होगी। इंटर में नई व्यवस्था 2025 से लागू होगी। इधर, परिषद ने मुख्यमंत्री के छह महीने की कार्ययोजना में शामिल यूपी बोर्ड के विद्यालयों में आनलाइन उपस्थिति की व्यवस्था को सितंबर से लागू करने की तैयारी तेज कर दी है। शासन ने भी इस व्यवस्था को जल्द लागू करने के लिए निगरानी बढ़ा दी है। इस व्यवस्था के लागू होने से छात्र-छात्राओं व शिक्षकों की उपस्थिति की आनलाइन मानीटरिंग हो सकेगी। अभी शिक्षक जब आए, तब रजिस्टर में मनमर्जी से उपस्थिति दर्ज कर देते हैं। रजिस्टर में विद्यार्थियों की उपस्थिति को लेकर भी नियमितता नहीं रहती । इस व्यवस्था से आने-जाने की मनमर्जी पर अंकुश लग सकेगा।