बिना अनुमति छुट्टी पर मिली प्रधानाध्यापिका, 3 शिक्षिकाओं का रोका वेतन


देवरिया में शासन के लगातार निगरानी और औचक निरीक्षण के बाद भी कुछ शिक्षक सुधरने का नाम नहीं ले रहे। ताजा मामला सदर ब्लाक के उच्च प्राथमिक विद्यालय नगउर का है। जिलाधिकारी जितेंद्र प्रताप सिंह ने मंगलवार को देवरिया सदर ब्लॉक में स्थित उच्च प्राथमिक विद्यालय का औचक निरीक्षण किया। इस दौरान प्रधानाध्यापक सहित तीन शिक्षक बिना सक्षम प्राधिकारी से अवकाश स्वीकृत कराए अनुपस्थित मिले। विद्यालय में ऑपरेशन कायाकल्प के तहत हुए कार्यों की दुर्दशा पर भी डीएम ने नाराजगी जताई।




जिलाधिकारी लगभग तीन बजे उच्च प्राथमिक विद्यालय नगउर पहुंचे। यहां विद्यालय की प्रधानाध्यापिका मधु मिश्रा, सहायक अध्यापिका संयुक्ता पांडेय व जया उपाध्याय अनुपस्थित मिलीं। मौके पर मौजूद सहायक अध्यापक रामानुज मिश्रा ने जिलाधिकारी को बताया कि प्रधानाध्यापिका मधु मिश्रा ने मानव संपदा पोर्टल के माध्यम से खंड शिक्षा अधिकारी से अर्जित अवकाश स्वीकृत कराया है और वे विगत तीन दिनों से विद्यालय नहीं आ रही हैं। डीएम ने तत्काल मोबाइल पर बीईओ सदर विजयपाल नारायण सिंह से अवकाश स्वीकृति की स्थिति पूछी, जिस पर बीईओ ने उनके किसी भी तरह के अवकाश आवेदन न होने की जानकारी डीएम को दी।


डीएम ने सहायक अध्यापिका से ली अवकाश की जानकारी

डीएम ने सहायक अध्यापिका संयुक्ता पांडेय के अवकाश स्वीकृति के संबन्ध में जानकारी मांगी, जिस पर सहायक अध्यापक रामानुज मिश्र ने बताया कि वे प्रधानाध्यापिका मधु मिश्रा की अनुमति से आकस्मिक अवकाश पर हैं। इस पर डीएम ने आश्चर्य व्यक्त करते हुए कहा कि जो व्यक्ति खुद कथित रूप से गत तीन दिनों से अर्जित अवकाश पर है, वो किसी अन्य का अवकाश कैसे स्वीकृत कर सकता है।

डीएम ने बिना सक्षम प्राधिकारी की स्वीकृति के विद्यालय से मनमाने तरीके से अनुपस्थित रहने पर गहरी नाराजगी व्यक्त की तथा प्रधानाध्यापिका सहित तीनों अनुपस्थित शिक्षकों के नवंबर माह के वेतन आहरण पर रोक लगाते हुए स्पष्टीकरण तलब किया। साथ ही उपस्थिति पंजिका में बिना किसी अभिलेखीय साक्ष्य के ईएल और सीएल चढ़ाने पर सहायक अध्यापक रामानुज मिश्र से स्पष्टीकरण देने काे निर्देश दिया।

जिलाधिकारी के निरीक्षण में बन्द मिला स्कूल का नल और शौचालय

जिलाधिकारी ने विद्यालय परिसर में मिशन कायाकल्प के तहत हुए कार्यों का भी निरीक्षण किया। विद्यालय में बच्चों को पेयजल उपलब्ध कराने के लिए लगे नल बंद मिले। शौचालय में भी ताला लगा मिला। विद्यालय में स्वच्छता की भी कमी मिली। जिलाधिकारी ने विद्यालय की दुर्दशा पर गहरा असन्तोष व्यक्त किया तथा खंड शिक्षा अधिकारी को तीन दिनों के भीतर विद्यालय की स्थिति सुधारने का निर्देश दिया।