ब्रेकिंग न्यूज़ :- परिषदीय शिक्षकों के अंतर्जनपदीय में बाधक बनी आकांक्षी जिला योजना पर शिक्षकों ने सरकार को न्यायालय में घेरा।



नीति आयोग द्वारा चयनित उत्तर प्रदेश के आठ जिलों को आकांक्षी जिला घोषित किया गया। प्रदेश में दो बार स्थानांतरण की प्रक्रिया भी संम्पन हुई, लेकिन इन सभी आठ जनपदों के समस्त परिषदीय शिक्षकों को सरकार द्वारा मनमाने तरीके से नीति आयोग का हवाला देकर, अंतर्जनपदीय स्थानांतरण के लाभ से वंचित रखा गया, जबकि नीति आयोग के अनुसार शिक्षकों के स्थानांतरण से सम्बंधित ऐसा कोई भी प्रतिबंध नही है।


वर्षों से स्थानांतरण की राह देख रहे आकांक्षी जनपदों के शिक्षकों ने माननीय उच्च न्यायालय की शरण ली । जिसमे लीडिंग रिट पिटीशन 'ममता सिंह एवं 33 अन्य बनाम उत्तर प्रदेश राज्य एवं 2 अन्य' से रिट याचिका 'रूपा तोमर एवं 1150 अन्य बनाम उत्तर प्रदेश राज्य एवं अन्य एवं 5 अन्य याचिकाओं को सम्बद्ध किया गया है ।




इस तरह एक हजार दो सौ से अधिक शिक्षकों द्वारा दायर याचिकायें उच्च न्यायालय के समक्ष विचाराधीन है। माननीय न्यायालय ने मामले को संज्ञान में लेते हुए सरकार को प्रतिशपथ पत्र दाखिल करने हेतु आदेशित किया है।


 माननीय उच्च न्यायालय में उपरोक्त सभी याचिकायें अधिवक्ता श्री ओ. पी. एस. राठौर द्वारा दाखिल की गयी हैं, एवं मुख्य याचिका पर वरिष्ठ अधिवक्ता श्री अशोक खरे द्वारा वहस की गयी। एवं अन्य सभी याचिकाओं में भी उच्च न्यायालय इलाहाबाद के समस्त प्रमुुख वरिष्ठ अधिकवक्ताओं श्री राधाकांत ओझा, श्री एच. एन. सिंह एवं  श्री जी. के. सिंह को भी इंगेज किया गया है। अगली सुनवायी 09/11/2022 को होने की सम्भावना है।