शिक्षकों की पदोन्नति में निलंबन न बन जाए रोड़ा, निर्धारित समय सीमा में भी नहीं हो रहा मामलों का निस्तारण


लखनऊ। प्रदेश के बेसिक विद्यालय में तैनात शिक्षकों की राह आसान नहीं दिख रही है। शासन की ओर से वरिष्ठता सूची जारी कर इस पर बीएसए को आपत्तियों का निस्तारण करना है। लेकिन, इसमें निलंबित चल रहे शिक्षकों का कहना है कि उनको नहीं शामिल किया गया है। जबकि निर्धारित समय सीमा के अंदर उनके प्रकरण का निस्तारण हो जाना चाहिए था।


शिक्षकों का कहना है कि उन्हें छोटी-छोटी चीजों पर निलंबित कर दिया गया। न तो निर्धारित समय में उनके प्रकरण का निस्तारण किया गया न ही उनका नाम वरिष्ठता सूची में दिख रहा है। वहीं वे बीएसए कार्यालय के चक्कर काट-काटकर थक गए हैं। शासन हमारे प्रकरण का जल्द से जल्द निस्तारण कराए ताकि हमें भी निर्धारित सुविधाओं का लाभ मिल सके।

दूसरी तरफ, बेसिक शिक्षा परिषद के सचिव प्रताप सिंह बघेल ने फरवरी में भेजे पत्र का हवाला देते हुए सभी बीएसए को दोबारा पत्र भेजा है। इसमें उन्होंने निलंबित व बहाल किए गए शिक्षकों के बारे में निर्धारित प्रारूप पर सूचना उपलब्ध कराने का निर्देश दिया है। वहीं उत्तर प्रदेश बीटीसी शिक्षक संघ के अध्यक्ष अनिल यादव ने कहा कि शिक्षकों को अनावश्यक रूप से बीएसए की ओर से प्रताड़ित किया जा रहा है।

अफसर व बाबू उनका आर्थिक दोहन भी कर रहे हैं। सरकार तीन महीने से अधिक समय तक निलंबित शिक्षकों को बहाल न करने वाले बीएसए पर कार्रवाई करे, ताकि शिक्षकों का मानसिक व आर्थिक उत्पीड़न बंद हो सके।