प्रयागराज,। प्रदेश के सहायता प्राप्त संस्कृत माध्यमिक विद्यालयों में नियमित शिक्षकों की नियुक्ति फंसने के कारण इस सत्र में भी 850 शिक्षकों को नितांत अस्थायी तौर पर मानदेय पर रखने की तैयारी है। इस संबंध में माध्यमिक शिक्षा निदेशक महेन्द्र देव की ओर से शासन को प्रस्ताव भेजा गया है। इन शिक्षकों के मानदेय पर एक वर्ष में 15 करोड़ से अधिक का खर्च होने का अनुमान है।
सरकार ने 13 मार्च 2018 को 2009 की नियमावली में संशोधन करते हुए सहायता प्राप्त माध्यमिक विद्यालयों में शिक्षकों की नियुक्ति का अधिकार उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड को दे दिया था। चयन बोर्ड ने 30 सितंबर 2022 की सूचना से अवगत कराया कि चयन बोर्ड की नियमावली में संशोधन न होने के कारण ऑनलाइन अधियाचन नहीं लिया जा रहा है। वैसे भी अब जबकि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश में विभिन्न शैक्षिक संस्थानों में भर्ती के लिए ह्यउत्तर प्रदेश शिक्षा सेवा चयन आयोगह्ण के गठन के निर्देश दिए हैं तो चयन बोर्ड को नियुक्ति का अधिकार देना संभव नहीं दिख रहा। ऐसे में यदि संस्कृत विद्यालयों में रिक्त पदों पर शिक्षकों की नियुक्ति नहीं होती तो कई स्कूलों में ताले पड़ने की नौबत पैदा हो जाएगी। पहले भी शिक्षकों की मानदेय पर नियुक्ति की गई थी और वर्तमान में 480 उत्तर मध्यमा (12वीं स्तर तक) और 38 पूर्व मध्यमा (10वीं) स्तर के शिक्षक कार्यरत हैं।