मानदेय न मिलने से आर्थिक तंगी के कगार पर शिक्षामित्र, सरकार की अनदेखी का दंस झेल रहे लाखों शिक्षामित्र



हजारों शिक्षामित्र अवसाद के चलते गंवा चुके है जान आगरा। प्रदेश के प्राथमिक विद्यालयों में छात्र छात्राओं को पढ़ाने कार्य करीब बीस बर्षों से करते आ रहे हैं। लेकिन सरकार और अधिकारियों की अनदेखी के चलते अल्प मानदेय भी समय से न मिलने के चलते आज अर्थिक तंगी का सामना करते हुए अपने परिवार का भरण पोषण कर है।




आपकों बता दे कि 2017 में सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर प्रदेश के शिक्षामित्रों का समायोजन निरस्त होने के बाद योगी सरकार द्वारा दस हजार मानदेय देने की घोषणा की गई थी। लेकिन उसके बाद आज तक कभी भी समय से शिक्षामित्रों को मानदेय नही मिलता है।



 हर महिने शिक्षामित्रों को आधिकारियों से मिलना पड़ता है। उसके बाद ही जैसे तैसे मानदेय मिल पाता है। ऐसे मे अल्प मानदेय परिवार चलाने और बच्चों की पढ़ाई पर भी असर पड़ रहा है। जिसके चलते हाल ही में जिले के दो शिक्षामित्रों की मौत भी हो चुकी है । लेकिन इसके बाद भी सरकार की कान पर जू तक नहीं रैंग रही है। जबकि लाखों रूपये बेतन पाने वाले शिक्षकों हर माह समय से बेतन मिलता है। संगठन के जिलाअध्यक्ष वीरेन्द्र छौकर ने कहा की सरकार से लगातार शिक्षामित्रों की समस्या का समाधान करने के लिए गुहार लगाई। लेकिन आज तक कुछ नहीं होने के कारण हजारों शिक्षामित्र जान गंवा चुके है। वहीं कहा कि अगर जल्द समाधान नहीं हुआ तो प्रदेश के शिक्षामित्र लखनऊ में एकत्र होकर प्रदर्शन करेगे ।

सरकार की अनदेखी के कारण शिक्षामित्रों में रोष व्याप्त है ।