महिला मित्र को अवार्ड दिलाकर सुर्खियों में शिक्षा विभाग का अफसर


मुरादाबाद। मुरादाबाद मंडल में शिक्षा विभाग के एक अधिकारी अपनी महिला मित्र को लेकर इन दिनों खासे चर्चाओं में हैं। अधिकारी ने हाल ही में तमाम योग्य दावेदारों को दरकिनार कर अपनी गर्लफ्रेंड को एक प्रतिष्ठित अवार्ड दिलाया है। साहब ने इसके लिए खुद ही अपनी महिला मित्र का इंटरव्यू लिया था। दोनों में पूर्व जनपद से गहरी मित्रता है। सूत्रों के अनुसार शहर की एक पॉश कालोनी में दोनों एक ही मकान में रहते हैं।


साहब पहले मंडल के एक जिले में तैनात थे। जब से चार्ज लिया तभी से अपनी महिला मित्र को प्रमोट करना शुरू कर दिया। विभाग की ओर से सम्मान पाने का कोई भी मंच हो, उन्होंने अपनी महिला मित्र को कभी नहीं छोड़ा। हरेक मंच पर उनकी यह महिला मित्र उनके हाथों सम्मान पाती नजर आई। साहब जब ट्रांसफर पर आए तो महिला मित्र के ही मकान में रहने लगे। मित्रता पूर्व जनपद में एक साथ तैनाती होने की वजह से पहले से ही थी। जब साहब ने अपनी महिला मित्र को प्रमोट करना शुरू किया तो शुरू में तो विभाग के लोग कुछ समझ नहीं पाए। लेकिन जब हरेक मंच पर साहब के साथ एक ही शिक्षिका सम्मान पाती कॉमन नजर आई तो लोगों को माथा ठनका।

विभाग में इस बात को लेकर चर्चा शुरू हो गई कि बिना किसी उपलब्धि के बार-बार क्यों एक ही शिक्षिका को अवार्ड मिल रहे हैं। आखिर क्यों साहब इस कदर उस पर मेहरबान हैं। इसके बाद धीरे-धीरे राज खुला कि साहब तो उसी के मकान में ही रहते हैं। दोस्ती और नमक का हक अदा कर रहे हैं। अब बारी आई प्रतिष्ठित अवार्ड की तो साहब ने कई-कई सालों से इंटरव्यू दे रहे योग्य उम्मीदवारों को दरकिनार करके अपनी महिला मित्र को यहां भी प्रमोट किया। जिला स्तर पर बनी कमेटी के साहब खुद मुखिया थे तो उन्होंने महिला मित्र को ही सबसे अधिक नंबर देकर नाम आगे भेज दिया। लखनऊ में हुए इंटरव्यू में भी साहब बोर्ड में शामिल थे। विभागीय सूत्रों का कहना है कि साहब अपनी सरकारी गाड़ी से ही महिला मित्र को साथ में लेकर गए। वहां साहब इंटरव्यू बोर्ड में सदस्य थे और सामने इंटरव्यू देने पहुंची उनकी महिला मित्र जो साथ में ही आई थी। यहां साहब ने दोस्ती का हक अदा करते हुए महिला मित्र की बोर्ड के बाकी सदस्यों से खूब पैरवी की। जुगाड़ करके योग्य उम्मीदवारों को दरकिनार कराया और महिला मित्र को अवार्ड दिला लाए। इस अवार्ड को लेकर जिले की कई शिक्षिकाओं ने सोशल मीडिया पर चयन को लेकर आपत्ति जताई। विभागीय सोशल मीडिया ग्रुप पर तो इसे लेकर पूरी बहस छिड़ी हुई है। लेकिन इस सबसे बेफिक्र साहब अपनी दोस्ती का हक निभाने में लगे हुए हैं.