परिषदीय प्राथमिक स्कूलों में 12460 सहायक अध्यापक भर्ती का विवाद तकरीबन पांच साल बाद खत्म होने वाला है। शून्य जनपद विवाद को लेकर इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच में 18 सितंबर से लगातार सुनवाई के बाद तीन अक्तूबर को आदेश सुरक्षित कर लिया गया। उम्मीद है कि आदेश पारित होने के साथ ही 5948 बेरोजगारों की नौकरी का रास्ता साफ हो जाएगा।
15 दिसंबर 2016 को शुरू हुई 12460 शिक्षक भर्ती के विज्ञापन में प्रदेश के 75 में से 24 जिलों में एक भी पद रिक्त नहीं था। इन 24 जिलों के अभ्यर्थियों को किसी भी एक अन्य जनपद में आवेदन करने की छूट थी। 16 मार्च 2017 को पहली काउंसिलिंग हुई लेकिन इस बीच सरकार बदलने के बाद नई सरकार ने समीक्षा के नाम पर 23 मार्च 2017 को भर्ती पर रोक लगा दी।
16 अप्रैल 2018 को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भर्ती शुरू करने की अनुमति दी। 23 अप्रैल 2018 को फिर से सभी चयनित अभ्यर्थियों की काउंसिलिंग कराई गई। लेकिन 18 अप्रैल 2018 को हाईकोर्ट ने 24 शून्य जनपद के चयनित अभ्यर्थियों को नियुक्ति पत्र देने पर रोक लगा दी। एक मई 2018 को मुख्यमंत्री ने 51 जिले के लगभग 6512 अभ्यर्थियों को नियुक्ति पत्र दे दिया। लेकिन 5948 चयनितों की नियुक्ति फंसी रह गई।