नव प्रयोगों को बढ़ावा देने के लिए बनेगा शैक्षिक नवाचार बैंक, स्कृतों में शिक्षक एक-दूसरे के नव प्रयोगों का करेंगे उपयोग

 परिषदीय स्कलों में नव प्रयोगों को बढ़ावा देने के लिए राज्य स्तर पर शैक्षिक नवाचार बैंक बनाया जाएगा। प्रदेश भर में ब्रेहतर ढंग से शिक्षा देने के लिए नए-नए प्रयोग कर रहे शिक्षकों के नवाचार इस बैंक के माध्यम से एकत्र किए जाएंगे। फिर उनमें से सबसे अच्छे नवाचार के माध्यम से स्कूलों में बच्चों की पढ़ाई कराई जाएगी। 



जिला शिक्षण एवं प्रशिक्षण संस्थानों (डायट) में इसके लिए नवाचार महोत्सव का आयोजन किया जाएगा। इस महोत्सव में शिक्षकों द्वारा स्कूलों में किए जा रहे अच्छे-अच्छे प्रयोगों को प्रदर्शित किया जाएगा। राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद के निदेशक पवन सचान ने बताया कि विभिन्‍न परिषदीय स्कूलों के शिक्षक एक से बढ़कर एक नवाचार कर रहे हैं, लेकिन वह सामने नहीं आ पा रहा है। ऐसे में अब शैक्षिक नवाचार बैंक बनाया जाएगा और इसमें सभी शिक्षकों के नवाचार एकत्र किए जाएंगे। 




फिर किस शिक्षक ने किस विषय में ब्रेहतर नव प्रयोग किया है, इसे डायट के विशेषज्ञ जांचेंगे। चयनित नवाचारों में से श्रेष्ठ नवाचार को चिह्नित किया जाएगा और उसे संकलित किया जाएगा। इस श्रेष्ठ नवाचार की मदद से सभी विद्यालयों में पढ़ाई कराने पर जोर दिया जाएगा। शिक्षकों में अच्छा कार्य करने के लिए आपसी प्रतिस्पर्धा बढ़ेगी और इसका लाभ विद्यार्थियों को मिलेगा। परिषदीय स्कूलों में अब् संसाधन पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध हैं। 


स्कूलों में स्मार्ट क्लास के माध्यम से पढ़ाई कराने की व्यवस्था भी की जा रही है। नए शैक्षिक सत्र से परिषदीय स्कूलों के कक्षा छह से कक्षा आठ तक के छात्र आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस व कोडिंग इत्यादि भी कोर्स में पढ़ेंगे। ऐसे में अब नवाचार को बढ़ावा दिया जाएगा।