लखनऊ : राजधानी लखनऊ से लेकर राज्य के बॉर्डर और प्रमुख मार्गों पर पड़ने वाले बेसिक स्कूलों को सरकार 'मॉडल' के तौर पर विकसित करेगी। इसके पीछे मंशा यह है कि बाहर से आने वाले अतिथियों, संस्थाओं और अन्य नियामक एजेंसियों के सामने इन स्कूलों को शिक्षा के बैंड के तौर पर पेश किया जा सके। पिछले सप्ताह सीएम योगी आदित्यनाथ के सामने बेसिक शिक्षा विभाग के काम-काज के प्रजेंटेशन के दौरान इस कार्ययोजना को मंजूरी दे दी गई है।
कायाकल्प अभियान शुरू किए जाने के बाद ज्यादातर बेसिक स्कूलों का बुनियादी ढांचा ठीक किया जा चुका है। अब इन स्कूलों को स्मार्ट बनाने पर नजर है। इसके लिए पीएम श्री योजना, सीएम अभ्युदय कंपोजिट विद्यालय आदि के तहत विद्यालयों का चयन किया जा रहा है। इसी कड़ी में अंतर्राज्यीय / अंतरराष्ट्रीय मार्गों के पास स्थित स्कूलों के उच्चीकरण और सुविधाओं के विकास की योजना बनाई गई है। लखनऊ व बाराबंकी के मुख्य मार्गों पर स्थित 10 स्कूल योजना के तहत चुने गए हैं। इन स्कूलों में लैंग्वेज लैब कंप्यूटर लैब, स्मार्ट क्लास, मॉड्यूलर साइंस लैब, रोबॉटिक्स ऐंड मशीन लर्निंग लैब विकसित करने के साथ वाई-फाई से लैस किया जाएगा। सुरक्षाकर्मी व , सफाईकर्मी की भी तैनाती होगी।
इंडो-नेपाल बॉर्डर के स्कूल भी संवरेंगे
प्रदेश के अंतर्राज्यीय मार्गों पर स्थित 9 स्कूलों और इंडो-नेपाल बॉर्डर पर स्थित 7 स्कूलों को भी इस योजना में चिह्नित किया गया है। यहां भी सुविधाएं अपग्रेड की जाएंगी। इसके लिए डीएम को मॉनिटरिंग व क्रियान्वयन की जिम्मेदारी दी जाएगी। विभागीय सूत्रों का कहना है कि इन स्कूलों व यहां विकसित लैंग्वेज लैब को केंद्र या प्रदेश के अधिकारियों के भ्रमण या राष्ट्रीय अंतरराष्ट्रीय संगठनों के प्रतिनिधियों के सामने मॉडल के तौर पर रखा जा सकेगा। शैक्षणिक भ्रमण पर आई संस्थाओं के समक्ष भी यह स्कूल शिक्षा के क्षेत्र में हुए विकास व उठाए गए अभिनव कदमों के मॉडल के तौर पर रखे जा सकेंगे।