इस राज्य के जिले में अगर शिक्षक तंबाकू या गुटखा खाते पकड़े गए तो होगी कड़ी कार्रवाई, शिक्षा पदाधिकारी ने जारी किया फरमान

 

बिहार के स्कूलों की शिक्षा व्यवस्था को सुधारने के उद्देश्य से शिक्षा विभाग के द्वारा कई फैसले लिए जा रहे हैं. सख्त छवि के IAS अधिकारी के के पाठक को विभाग में अपर मुख्य सचिव बनाया गया तो उन्होंने एक के बाद एक करके कई फरमान जारी किए. के के पाठक लगातार स्कूलों का औचक निरीक्षण करते रहे हैं. स्कूलों की व्यवस्था को लेकर वो कई जगहों पर प्रधानाध्यापकों को फटकार तक लगा चुके हैं. वहीं कई जिलों में शिक्षा विभाग की ओर से अलग-अलग निर्देश जारी होते रहते हैं. कभी परिधान को लेकर तो कभी उपस्थिति को लेकर शिक्षकों के लिए भी निर्देश जारी हो चुके हैं. वहीं अब एक और नया फरमान सामने आया है जो शिक्षकों के लिए है. अब अगर कोई शिक्षक स्कूल में तंबाकू या गुटखा खाते पकड़े गए तो विभाग उस शिक्षक के ऊपर कड़ी कार्रवाई करेगा.



स्कूलों में तंबाकू, गुटखा खाने वाले शिक्षकों की अब खैर नहीं..



भागलपुर में जिला शिक्षा पदाधिकारी ने एक नया फरमान जारी किया है. स्कूलों में तंबाकू, गुटखा खाने वाले शिक्षकों की अब खैर नहीं है. अगर शिक्षक स्कूलों में तंबाकू गुटखा खाते दिख गये तो विभाग कड़ी कार्रवाई करेगा. इतना ही नहीं, बल्कि गुप्त रूप से शिक्षा विभाग द्वारा पता लगाया जा रहा है कि कौन-कौन ऐसे शिक्षक या प्रधानाध्यापक हैं जो स्कूल में भी तंबाकू और गुटखा का खुलेआम सेवन कर रहे हैं. सूत्र बता रहे हैं कि शिक्षा विभाग ने इस बाबत कुछ कर्मियों को काम पर भी लगा दिया है. डीईओ संजय कुमार ने भी इस बाबत आवश्यक निर्देश जारी किया है. उन्होंने निरीक्षण कर रहे सभी पदाधिकारियों से कहा है कि निरीक्षण के दौरान अब इसकी भी जांच अवश्य करें. उन्होंने बताया कि पिछले दिनों कुछ जगहों पर निरीक्षण के दौरान स्कूल के शिक्षकों और प्रधानाध्यापकों द्वारा मुंह में तंबाकू और गुटखा खाते हुए देखा गया, जो पूरी तरह से अशोभनीय है.


स्कूलों के आसपास नहीं बिकेगा तंबाकू, जानिए नया फरमान..


ईओ ने कहा कि अब निरीक्षण के दौरान पदाधिकारी स्कूल के 100 मीटर के क्षेत्रफल में किसी भी तरह के तंबाकू से जुड़े उत्पाद बेचे जाने वाली दुकानों पर भी कार्रवाई करेंगे. उन्होंने बताया कि भारत सरकार के स्वास्थ्य मंत्रालय ने सिगरेट व अन्य तंबाकू उत्पाद कोटपा अधिनियम 2003 के प्रावधान लागू किया है. इसके तहत स्कूलों के बाहर मुख्य द्वार के पास बोर्ड लगाया जाएगा. जिसमें तंबाकू मुक्त शिक्षण संस्थान लिखा होगा. सभी प्रधानाध्यापकों को यह निर्देश दिया जाएगा कि वह यह सुनिश्चित करें कि स्कूल में शिक्षक, छात्र, कर्मचारी, आगंतुक कोई भी तंबाकू उत्पाद का सेवन नहीं कर रहा है.