पदोन्नति : पांच साल का नियम, 15 साल का इंतजार

 

प्रयागराज। परिषदीय स्कूलों में शिक्षकों की पदोन्नति के लिए सरकार की तरफ से पांच साल की सेवा अनिवार्य है। उसके बाद शिक्षकों की पदोन्नति हो सकती है, लेकिन प्रयागराज में 15 सालों से नियुक्त शिक्षकों का पदोन्नति का इंतजार खत्म नहीं हो रहा है। 




शिक्षकों का कहना है कि सेवा काल का लगभग आधा समय तो पदोन्नति के इंतजार में ही बीता जा रहा है। परिषदीय स्कूलों में सहायक अध्यापकों के पदों पर 2009 के बाद आईं तीन भर्तियों में शिक्षकों को नियुक्ति दी गई। तीन भर्तियों में क्रमशः 72825 12462, 29325 शिक्षक नियुक्त किए गए। उसके बाद से शिक्षक पदोन्नति का इंतजार कर रहे हैं। 2009 में नियुक्ति पाने वाले कुछ शिक्षकों को 2016 में पदोन्नति मिली थी। उसी बैच के सैकड़ों शिक्षकों को कुछ दिन का अंतर होने के कारण पदोन्नति नहीं मिल सकी थी। शिक्षकों का कहना है कि लंबे समय से पदोन्नति नहीं होने से प्राथमिक विद्यालयों में बड़ी संख्या में प्रभारी प्रधानाध्यापकों से कार्य लिया। जा रहा है। जबकि हजारों की संख्या में ऐसे सहायक अध्यापक हैं, जो पदोन्नति पाकर स्थाई प्रधानाध्यापक हो सकते हैं।