प्रयागराज उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (यूपीपीएससी) की ओर से सीधी भर्ती प्रक्रिया में किए गए बदलावों का बड़ा असर दिखेगा। यूपीपीएससी की भर्ती परीक्षाओं की जांच कर रही सीबीआई ने 48 विभागों की सीधी भर्ती पर सवाल उठाए हैं। सीबीआई को सीधी भर्तियों में धांधली के कई सुराग भी मिले हैं। हालांकि, अभी तक सीबीआई की ओर से कोई कार्रवाई नहीं की गई है।
सीधी भर्ती में गड़बड़ी के आरोप लंबे समय से लगते रहे हैं। यही वजह है कि आयोग ने अब सीधी भर्ती की प्रक्रिया बड़ा बदलाव करते हुए चयन में स्क्रीनिंग परीक्षा के 75 फीसदी अंक जोड़ने का निर्णय लिया है और इसे तत्काल प्रभाव से लागू भी कर दिया है। पहले केवल इंटरव्यू के आधार पर अभ्यर्थियों का चयन कर लिया जाता था। अब सीधी भर्ती में इंटरव्यू के केवल 25 फीसदी अंक ही जोड़े जाएंगे।
सीबीआई ने जब आयोग की भर्ती परीक्षाओं की जांच शुरू की तो मेडिकल और इंजीनियरिंग विभाग में हुई सीधी भर्तियों में सीबीआई को कई गड़बड़ियां मिलीं। अभ्यर्थियों को इंटरव्यू में बुलाने के लिए कोई एक मानक नहीं था। विभिन्न भर्तियों में अलग-अलग मानकों के तहत अभ्यर्थियों को बुलाया गया।
कहीं पदों की संख्या के मुकाबले दो गुना तो कहीं तीन गुना अभ्यर्थी इंटरव्यू में बुलाए गए। कुछ भर्तियों में अभ्यर्थियों की छंटनी के लिए इंटरव्यू से पहले स्क्रीनिंग परीक्षा कराई गई तो कई भर्तियों में बिना स्क्रीनिंग परीक्षा के अभ्यर्थियों को बुला लिया गया।
सूत्रों के मुताबिक जांच में यह तथ्य भी सामने आए कि ऐसा कुछ अभ्यर्थियों को इंटरव्यू तक पहुंचाने के लिए किया गया। नई व्यवस्था लागू होने से इंटरव्यू का चयन में बहुत कम महत्व रह जाएगा।
सीबीआई जांच पर 16 को होनी है सुनवाई
सीबीआई पांच वर्ष से अधिक समय से आयोग की भर्ती परीक्षाओं की जांच कर रही है। पीसीएस परीक्षा-2015 और एपीएस परीक्षा-2010 में धांधली को लेकर सीबीआई मुकदमा भी दर्ज करा चुकी है। सीधी भर्तियों में भी सीबीआई को गड़बड़ी के सुराग मिले हैं, लेकिन किसी भी मामले में सीबीआई ने अब तक किसी के खिलाफ कोई सीधी कार्रवाई नहीं की है। सीबीआई जांच में तेजी लाने के लिए एसआईटी गठित करने की मांग को लेकर प्रतियोगी छात्र संघर्ष समिति के अध्यक्ष अवनीश पांडेय ने हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की थी, जिस पर 16 नवंबर को सुनवाई होनी है। यह याचिका 2019 में दाखिल की गई थी।