इस राज्य में चुनाव में ड्यूटी करने से मना करने पर सरकारी टीचर सस्पेंड, वजह जानकर नहीं रुकेगी आपकी हंसी



मध्य प्रदेश में 17 नवंबर को असेंबली चुनाव होने वाले हैं। इसके लिए बड़े पैमाने पर सरकारी टीचर्स की चुनावी ड्यूटी लगाई गई हैं। यहां एक टीचर ने यह ड्यूटी करने से इनकार कर दिया है। इसके लिए टीचर ने जो तर्क दिया है। उसे सुनकर आपकी हंसी छूट पड़ेगी। टीचर ने कहा कि पहले उसकी शादी करवाओ। तभी वह इलेक्शन डयूटी करेगा।

सतना जिले के अमरपाटन में महुदर हायर सेकेंडरी स्कूल है। वहां पर 35 वर्षीय टीचर अखिलेश कुमार मिश्रा संस्कृत पढ़ाते हैं। स्कूल के बाकी टीचर्स की तरह उन्हें भी चुनाव ड्यूटी पर रिपोर्ट करने का आदेश मिला। इसके लिए प्रशासन की ओर से 16-17 अक्टूबर को ट्रेनिंग कैंप का आयोजन किया गया था, लेकिन अखिलेश मिश्रा उसे कैंप में नहीं पहुंचे।





प्रशासन की ओर से 27 अक्टूबर को उन्हें नोटिस जारी किया गया। उस नोटिस में कहा गया कि राष्ट्रीय महत्व के काम में लापरवाही बरतने पर उन्हें क्यों न नौकरी से सस्पेंड कर दिया जाए। इस नोटिस के जवाब में टीचर ने 31 अक्टूबर को सतना के डीएम अनुराग वर्मा को लेटर भेजा। 'पॉइंट टू पॉइंट रिप्लाई' नाम के उस लेटर में टीचर ने अपने अधेड़ अवस्था में पहुंच जाने और अब भी शादी न हो पाने को दुख का इजहार किया। अपने लेटर में टीचर अखिलेश कुमार मिश्रा ने लिखा, मेरी पूरी जिंदगी अकेले कट रही है। पहले मेरी शादी कराओ, उसके बाद ही मैं चुनावी ड्यूटी करूंगा। उन्हें तुरंत निलंबित कर दिया गया। अपने इसी पत्र में टीचर ने कथित रूप से 3.5 लाख रुपये दहेज और सिंगरौली टावर या समदरिया में फ्लैट के लिए लोन मंजूर करने की मांग भी की।



मेरे पास शब्द नहीं हैं

अपने पत्र के अंत में अखिलेश मिश्रा लिखा कि क्या करें? मेरे पास शब्द नहीं हैं। आप ज्ञान के सागर हैं। टीचर का यह अजीब पत्र मिलने के बाद जिला प्रशासन ने 2 नवंबर को उन्हें सेवा से सस्पेंड कर दिया। कलेक्टर अनुराग वर्मा ने कहा कि राष्ट्रीय महत्व के कार्य से इनकार करने और दहेज की मांग करने पर टीचर को निलंबित कर दिया गया है। दहेज लेना और देना एक साजिक बुराई है और इसे किसी भी हालात में प्रोत्साहित नहीं किया जा सकता है।



पिछले कुछ वर्षों से तनाव में है शिक्षक

टीचर अखिलेश कुमार मिश्रा के एक सहकर्मी ने कहा कि वे पिछले कुछ वर्षों से तनाव में हैं। उन्होंने कहा कि अगर ऐसा नहीं होता तो ऐसा विचित्र पत्र कौन लिखता है। वह भी तब, जब उन्हें प्रशासन की ओर से कारण बताओ नोटिस जारी किया गया हो। उन्होंने बताया कि अखिलेश कुमार मिश्रा ने एक साल पहले अपने मोबाइल फोन का इस्तेमाल बंद कर दिया था।