207 बेसिक स्कूलों में नहीं बने टॉप रनिंग वाटर, हाथ धोने तक के इंतजाम नहीं


संतकबीरनगर। परिषदीय स्कूलों में बच्चों को स्वच्छता का पाठ पढ़ाया जाता है, पर कई स्कूलों में हाथ धोने तक के इंतजाम नहीं हैं। जिले में 207 स्कूल ऐसे हैं, जहां पर टॉप रनिंग वाटर नहीं लग सके हैं, जबकि इन विद्यालयों में कायाकल्प योजना के तहत कार्य हुआ है। बच्चे अभी भी हैंडपंप पर ही हाथ धोते हैं। इससे उनका ड्रेस भी खराब हो जाता है।




जिले में 1247 परिषदीय स्कूल हैं। इनमें 250 कंपोजिट, 805 प्राथमिक व 192 जूनियर हाईस्कूल हैंं। जूनियर हाईस्कूल खलीलाबाद, प्राथमिक विद्यालय प्रथम खलीलाबाद, कंपोजिट विद्यालय पटखौली, जूनियर हाईस्कूल बड़गो, प्राथमिक विद्यालय चकदही, प्राथमिक विद्यालय बनियाबारी समेत 207 विद्यालयों में हाथ-धोने का इंतजाम नहीं है। यहां पर टॉप रनिंग वाटर भी नहीं लगाए गए हैं। जबकि इन विद्यालयों में कायाकल्प योजना के तहत कार्य कराए जा चुके हैं।






मिड-डे-मील के बाद हैंडपंप पर हाथ धोने के लिए विद्यार्थियों की भीड़ लग जाती है। हैंडपंप का चबूतरा नहीं होने से विद्यार्थियों के यूनिफार्म गंदे हो जाते है। यदि इन विद्यालयों में टॉप रनिंग वाटर लगाए गए होते तो एक साथ पांच से 10 विद्यार्थी हाथ धुल लेते। इसके साथ ही कई विद्यालयों पर हैंडपंप दूषित पानी भी उगल रहे हैं। प्राथमिक शिक्षक संघ की जिलाध्यक्ष अंबिका देवी ने बताया कि यह विभागीय अधिकारियों की लापरवाही है। कायाकल्प जब हो रहा था उस समय ध्यान दिए होते तो ऐसी नौबत नहीं आती। विभाग की जिम्मेदारी है कि हर विद्यालयों में टॉप रनिंग वाटर लगाया जाए।


जिन विद्यालयों में टॉप रनिंग वाटर नहीं लगे हैं उसकी सूचना विभागीय जेई से मंगवाई जा रही है, वहां पर इसे लगाने का कार्य किया जाएगा।

अमित कुमार सिंह, बीएसए