बरेली। परिषदीय स्कूलों के शिक्षकों की रियल टाइम हाजिरी की व्यवस्था जिले में शिक्षकों के विरोध से पचड़े में फंस गई है। अधिकारी इसे लागू नहीं करवा पा रहे। पहले यह व्यवस्था 16 जनवरी से शुरू होनी थी, लेकिन बाद में 16 फरवरी से लागू किए जाने के निर्देश दे दिए गए। इसके बावजूद यह लागू नहीं हो सकी।
यह स्थिति तब है जबकि निदेशालय के निर्देशों के अनुसार प्रदेश के कई जिलों में रियल टाइम उपस्थिति यानि टैबलेट के जरिए ऑनलाइन हाजिरी की व्यवस्था शुरू हो गई है। जिले में कब तक ये लागू हो पाएगी, इसका जवाब अधिकारी भी नहीं दे रहे। वहीं शिक्षकों ने व्यवस्था को अमल में लाने से साफ इंकार कर दिया है। शिक्षक सीयूजी सिम को लेकर अपनी पुरानी मांग पर अड़े हैं। उनका कहना है कि निजी सिम से टैबलेट को ऑपरेट नहीं करेंगे। विभाग को अपनी ओर से सीयूजी सिम मुहैया कराना चाहिए। स्थिति य
ह है कि किसी भी ब्लॉक में शिक्षकों ने नाराजगी की वजह से रियल टाइम उपस्थिति को अपनाया नहीं है। बीएसए संजय सिंह का कहना है कि टैबलेट के जरिए विभिन्न रजिस्टरों में ऑनलाइन डाटा अपडेट करने का काम शुरू कर दिया गया है। हालांकि उपस्थिति को लेकर उन्होंने कुछ स्पष्ट नहीं बताया।
ह है कि किसी भी ब्लॉक में शिक्षकों ने नाराजगी की वजह से रियल टाइम उपस्थिति को अपनाया नहीं है। बीएसए संजय सिंह का कहना है कि टैबलेट के जरिए विभिन्न रजिस्टरों में ऑनलाइन डाटा अपडेट करने का काम शुरू कर दिया गया है। हालांकि उपस्थिति को लेकर उन्होंने कुछ स्पष्ट नहीं बताया।
टैबलेट चोरी होने पर भी विवाद
हाल ही में दो प्रधानाध्यापकों का टैबलेट चोरी हो जाने के मामले को बेसिक शिक्षा विभाग शिक्षकों की लापरवाही से ही जोड़कर देख रहा है, जबकि शिक्षक खुद को दोषी नहीं मान रहे। शिक्षक संगठनों ने भी प्रधानाध्यापकों का ही समर्थन किया है।